संयुक्त राष्ट्र में चीन ने एकबार फिर पाकिस्तान का साथ देते हुए जैश सरगना मसूद अजहर को अपने वीटो के दम पर बचा लिया है. लेकिन चीन को छोड़ आज दुनिया का कोई देश देश आतंकवाद के साथ नहीं है. पुलवामा आतंकी हमले के बाद आज दुनिया के सभी बड़े देश भारत के साथ आतंकवाद के मुद्दे पर साथ है. ऐसे में फ़्रांस ने चीन को दरकिनार करते हुए खुद अपने देश में जैश सरगना मसूद की संपत्ति को जब्त करने का फैसला किया है. जैश के खिलाफ फ्रांस की अबतक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. बता दें कि सयुंक्त राष्ट्र में मसूद के पक्ष में चीन का वीटो का इस्तेमाल करने पर अमेरिका समेत कई देशों ने चीन की आलोचना की थी.
ईयू के आतंकियों की भी सूची में शामिल होगा मसूद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फ्रांस सरकार के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने मसूद को यूरोपियन यूनियन की आतंकवादी सूची में शामिल करने को लेकर ठोस कदम उठाएगा. वहीं अमेरिका, फ़्रांस और ब्रिटेन समेत कई देश लगातार पाकिस्तान पर आतंकवादी मसूद पर कार्रवाई को लेकर बड़ी कार्यवाही का दबाव बना रहे हैं. बता दें की पिछले दिनों जैश ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे.
Also Read: न्यूजीलैंड की एक मस्जिद में फायरिंग, बाल बाल बची बांग्लादेश क्रिकेट टीम
मसूद के लिए चौथी बार चीन ने किया अपने वीटो का इस्तेमाल
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने अपने वीटो पॉवर के के दम पर पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बचाया हो. इससे पहले भी चीन ने तीन बार वीटो लगाकर मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित होने बचाया है. आपको बता दें कि 2017 में भी चीन ने ऐसा ही किया था. बीते 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने का यह चौथा प्रस्ताव था.
पुलवामा जैसे कई हमले करा चुका है मसूद
आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का प्रमुख 50 वर्षीय मसूद अजहर ने भारत में कई आतंकवादी हमले कराए हैं और वह संसद, पठानकोट वायुसेना स्टेशन, उरी, पुलवामा समेत जम्मू-कश्मीर में कई अन्य जगह सैन्य शिविरों पर हमले का साजिशकर्ता है. पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश के हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तीन स्थायी सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए प्रस्ताव पेश किया था.
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमेंफेसबुकपर ज्वॉइन करें, आप हमेंट्विटरपर भी फॉलो कर सकते हैं. )