2019 के समय जब आईपीएस सतीश बाराबंकी के एसपी थे, उस वक्त उन पर रिश्वत खोरी का इल्जाम लगा था। जिसके बाद उन्हें शासन द्वारा सस्पेंड कर दिया गया था। इसी आधार पर सभी मीडिया हाउस की तरह BreakingTube.Com ने भी खबर लगाई थी। जब मामले की जांच बारीकी से हुई तो रिश्वतखोरी के मामले में कहीं से कहीं तक आईपीएस का रोल नहीं था। वो इसमें शामिल ही नहीं थे। जिसके बाद खुद राज्यपाल की संस्तुति के बाद उन्हें क्लीन चिट मिल गई है। इसके आदेश यूपी के एसीएस होम अवनीश अवस्थी ने जारी किए है। आइए आपको भी बताते हैं कि क्या ये पूरा मामला…
ये था मामला
जानकारी के मुताबिक, 2019 में एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसकी कंपनी शॉपिंग मॉल विश्वास मेगा मार्ट बाराबंकी है। उसी साल जनवरी माह की आठ तारीख को क्राइम ब्रांच के दारोगा अनूप कुमार यादव ने उनके कार्यालय में आकर कहा कि एसपी के ऑफिस में आकर कंपनी के पेपर दिखाइए कि आपकी कंपनी कैसे काम करती है। जिसके बाद कंपनी के मालिक ने कंपनी के स्टाफ के साथ क्राइम ब्रांच कार्यालय और एसपी से जाकर मुलाकात की और कंपनी के बारे में विस्तार में बताया।
इस पर एसपी डॉ. सतीश कुमार ने कहा कि जब जांच के लिए बुलाया जाए तो सहयोग करिएगा। आरोप था कि जब वह एसपी से मिलकर वापस जाने लगा तो क्राइम ब्रांच के दारोगा अनूप यादव ने कहा कि आप लोग गिरफ्तार हो गए हैं। यही नहीं यह भी कहा कि 65,00,000 रुपये हमें दो नहीं तो आपकी कंपनी और आपका मॉल को सीज हो जाएगा। जिसके बाद शिकायतकर्ता के स्टाफ राजू द्वारा 65,00,000 रुपये की व्यवस्था कर अनूप यादव को दिए गए।
प्रारंभिक जांच में सही पाए गए थे आरोप
कंपनी मालिक ने उस समय तो रुपए का इंतजाम करके उन्हें रुपए दे दिए लेकिन बाद ने शासन से आईपीएस सतीश और दारोगा की शिकायत कर दी। इस रिश्वतखोरी आरोप के संबंध में पुलिस महानिरीक्षक STF के आदेश के अनुपालन में एएसपी की अध्यक्षता में गठित जांच टीम द्वारा गोपनीय तरीके से प्रारंभिक जांच कराई गई थी, जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप जांच टीम को सही प्रतीत हुए।
राज्यपाल की संस्तुति पर मिली क्लीन चिट
इसी आधार पर साइबर सेल के पुलिसकर्मी सहित उस समय बाराबंकी एसपी रहे डॉ. सतीश कुमार पर निलंबन की कार्रवाई की गई थी। हालांकि तत्कालीन डीजीपी द्वारा की गई संस्तुति के बाद 28-6-2019 को ही आईपीएस को बहाल कर दिया। वहीं उनके खिलाफ तब विभागीय जांच जारी रखने के आदेश भी जारी किए गए थे। अब जब जांच पूरी हो गई है तो उसने रिश्वतखोरी के मामले में आईपीएस अधिकारी सतीश कुमार को क्लीन चिट दी गई है। ये क्लीन चिट आईपीएस को प्रदेश के राज्यपाल की संस्तुति पर मिली है।
Also Read : BT Fact Check: ‘लुलु मॉल में नमाज़ पढ़ने वाले हिन्दू थे?’, जानें वायरल मैसेज की सच्चाई