कानपुर: दलित परिवार के मकान पर पार्टी बनकर कराया था कब्जा, पूरी पुलिस चौकी लाइन हाजिर

उत्तर प्रदेश की कानपुर (Kanpur) पुलिस एक बार फिर अपने कारनामे को लेकर चर्चा में है। दरअसल, यादव मार्केट चौकी पुलिस ने एक दलित परिवार को प्रताड़ित कर उसके मकान पर कब्जा करा दिया। यही नहीं, दलित युवक को चोरी के झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी। मामला सामने आने पर डीसीपी साउथ ने यादव मार्केट चौकी में तैनात सभी 14 पुलिसकर्मियों को एक साथ लाइन हाजिर कर दिया है।

एसएचओ और एसीपी गोविंदनगर की भूमिका की जांच

यही नहीं, डीसीपी साउथ ने सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं। वहीं, बर्रा एसएचओ और एसीपी गोविंदनगर की भूमिका की भी जांच की जा रही है। जानकारी के अनुसार, चौकी पर तैनात इंचार्ज समेत तीन दारोगा, चार हेड कांस्टेबल और सात सिपाहियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूरा मामला कानपुर जिले के बर्रा थाना क्षेत्र का है। महादेव के मकान पर उमराव नाम के शख्स ने फरवरी में कब्जा कर लिया था। कब्जे के दौरान पुलिसकर्मी मौजूद थे। इस मामले की शिकायत आला अफसरों तक पहुंची, जिसके बाद एडीसीपी साउथ मनीष सोनकर को जांच सौंपी गई थी।

लाइन हाजिर पुलिसकर्मियों पर दर्ज हो सकता है केस

शुरुआती जांच के बाद एडीसीपी ने पूरी चौकी पर कार्रवाई की संस्तुति की थी। जिसके बाद डीसीपी साउथ रवीना त्यागी ने 14 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करते हुए लाइन हाजिर कर दिया। इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच भी होगी। उस आधार पर उनको दंडित किया जाएगा। जो वीडियो में पुलिसकर्मी दिख रहे हैं, उन पर केस भी दर्ज हो सकता है।

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जानकारी के अनुसार, यादव मार्केट चौकी इंचार्ज आशीष कुमार मिश्रा, एसआई राहुल कुमार गौतम व जयवीर सिंह, हेड कांस्टेबल गणेश कुमार, कमलापति, प्रदीप कुमार शिव प्रताप और सिपाही लोकेश कुमार, नवनीत राजपूत, अश्वनी कुमार, भूपेंद्र दीक्षित, नागेंद्र सिंह चौहान, अतुल कुमार व जितेंद्र सिंह पर कार्रवाई की गई है।

ये है पूरा मामला

दरअसल, बर्रा निवासी महादेव ने 2014 में अपने मकान को बेचने के लिए उमराव नाम के शख्स से 35 लाख रुपये में डील की थी। उमराव ने 10 लाख रुपये और आठ लाख की कीमत के प्लॉट की रजिस्ट्री महादेव के नाम कर दी थी। इसके बाद महादेव ने अपने मकान की रजिस्ट्री उमराव को कर दी। बाकी की रकम न मिलने पर महादेव ने कब्जा नहीं छोड़ा था। इस पर उमराव ने प्लॉट की रजिस्ट्री फर्जी बताकर महादेव पर केस कराया। महादेव ने भी सिविल केस दायर कर दिया।

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