Agnipath Scheme : क्या है अग्निपथ योजना, कैसे करें आवेदन, इसे लेकर क्यों मचा है बवाल, जानिए इससे जुड़े मिथ और फैक्ट्स

Agnipath Scheme: भारतीय सेना में भर्ती को लेकर अब तक का सबसे बड़ा बदलाव हुआ है. आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में अब अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीर की भर्ती होगी. ये सैनिक होंगे, लेकिन इनका रैंक मौजूदा रैंक से अलग होगा और ये अग्निवीर ही कहलाएंगे. ये अग्निवीर आर्मी, नेवी या एयरफोर्स में चार साल के लिए रहेंगे. इन अग्निवीरों में से ही अधिकतम 25 पर्सेंट को फिर बाद में परमानेंट होने का मौका दिया जाएगा. 90 दिनों में आर्मी में भर्ती के लिए पहली रिक्रूटमेंट रैली हो जाएगी पहले चरण में आर्मी के लिए 40 हजार, नेवी के लिए 3 हजार और एयरफोर्स के लिए 3 हजार 500 अग्निवीरों की भर्ती होगी.

अग्निपथ योजना क्या है?
इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में सैनिकों की 4 साल के लिए भर्ती होगी. आर्मी में सैनिक (जवान), नेवी में नाविक और एयरफोर्स में एयरमैन की जो भर्ती है, वो भर्तियां अब इस योजना के तहत होंगी. जो सैनिक भर्ती होंगे, उन्हें अग्निवीर नाम दिया जाएगा. 4 साल के बाद 75 फीसदी सैनिकों को घर भेज दिया जाएगा. शेष 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी जवान नियुक्त किया जाएगा. इसकी प्रक्रिया तय की जाएगी जिसमें ‘अग्निवीर‘ स्थायी होने के लिए आवेदन देंगे.

अग्निपथ योजना से किनकी भर्ती होगी? किनके लिए है यह योजना?
अग्निपथ योजना सिर्फ जवानों के लिए है. यह योजना अफसरों पर लागू नहीं होगी. सेवा अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मियों के लिए यह योजना होगी. नई योजना मौजूदा जवानों की खुली भर्ती की जगह ही लाई गई है. अभी जनरल ड्यूटी के अलावा, क्लर्क, स्टोर कीपर, ट्रेडमैन, नर्सिंग असिस्टेंट जैसे पदों के लिए खुली भर्ती होती है. आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में वर्तमान में जवानों की जो भर्ती प्रक्रिया है, वो नहीं बदलेगी. यानी अग्निवीरों का चयन मौजूदा चयन प्रक्रिया से ही होगा. सेनाओं में अभी शॉर्ट सर्विस कमीशन के जरिए 10 साल के लिए अफसरों की नियुक्ति होती है जिसे 14 साल तक बढ़ाया जाता है. इस व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

क्या होगी योग्यता

  • आयु सीमा – 17.5 वर्ष से 21 वर्ष वालों को मौका मिलेगा.
  • आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में सैनिक स्तर की भर्ती के नियम पुराने वाले ही रहेंगे. जैसे जनरल ड्यूटी (जीडी) सैनिक की भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10वीं पास ही रहेगी. अलग-अलग श्रेणियों में 10वीं-12वीं पास युवाओं को मौका मिलेगा.

कब, कहां और कैसे निकलेंगी भर्तियां और कैसे कर सकेंगे आवेदन 
अगले 90 दिनों में अग्निपथ योजना के तहत 46 हजार भर्तियां निकाली जाएंगी. आर्मी में 40 हजार, एयरफोर्स में 3500 और नेवी में 2500 भर्तियां होंगी. देशव्यापी भर्ती प्रक्रिया के जरिये योग्यता के आधार पर अग्निवीरों की भर्ती होगी. अभ्यर्थियों को नई भर्तियों के निकलने की जानकारी इन वेबसाइट्स से मिलेगी- joinindianarmy.nic.in, joinindiannavy.gov.in, Careerindianairforce.cdac.in . इसलिए सेनाओं में जाना चाह रहे अभ्यर्थी इन वेबसाइट्स को समय समय पर चेक करते रहें. जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

  • ऑल इंडिया ऑल क्लास बेस्ड भर्ती होगी.
  • भर्ती रैलियों के तहत भी भर्ती रहेंगी.
  • एनरोलमेंट के लिए एक ऑनलाइन सेंट्रलाइज्ड सिस्टम विकसित किया जाएगा.
  • मान्यता प्राप्त टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स से कैंपस इंटरव्यू के लिए जरिए भी भर्तियां होंगी.

क्या होगी अग्निवीरों की सैलरी? 
हर अग्निवीर को भर्ती के पहले साल 30 हजार महीने सैलरी मिलेगी. दूसरे साल अग्निवीर की तनख्वाह बढ़कर 33 हजार, तीसरे साल 36.5 हजार तो चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगी. हालांकि इनकी सैलरी में से सेवानिधि पैकेज के लिए हर बार 30-30 फीसदी कटेगा. जैसे पहले साल में 30 हजार रुपये मिलने हैं. लेकिन इसमें से 21 हजार रुपये ही उसे दिए जाएंगे. बाकी 30 फीसदी यानी 9 हजार रुपये अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होंगे. इस फंड में इतनी ही राशि (9 हजार रुपये) सरकार भी डालेगी.

महिलाओं के लिए मौके
इंडियन आर्मी में हालांकि सिर्फ युवकों को भर्ती का मौका मिलेगा. वायुसेना एवं नौसेना ने ऐलान किया है कि इस योजना के तहत युवतियों को भी अग्निवीर के तौर पर भर्ती किया जाएगा.

4 साल बाद ड्यूटी से मुक्त किए गए अग्निवीरों को क्या सुविधाएं मिलेंगी? क्या पेंशन मिलेगी?
पेंशन नहीं मिलेगी. सेवा निधि पैकेज मिलेगा. इस फंड के लिए अग्निवीरों की मासिक सैलरी का 30 फीसदी काटा जाएगा. इतनी ही रकम सरकार जमा करेगी. 4 साल बाद सेना से ड्यूटी मुक्त होने वाले 75 फीसदी ऐसे अग्निवीरों को 11.71 लाख रुपये की सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा. इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसके अलावा उनको मिले कौशल प्रमाणपत्र और बैंक लोन के जरिये उन्हें दूसरी नौकरी शुरू करने में मदद की जाएगी.

4 साल बाद सेना से बाहर किए गए युवाओं का क्या होगा?
चार साल की सेवा के बाद सेना से ड्यटूी मुक्त किए गए नौजवानों को केंद्र और राज्य सरकार रोजगार में प्राथमिकता प्रदान करेंगी. इन्हें सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के दौरान प्राथमिकता मिलेगी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को यह ऐलान किया. इसके अलावा यूपी सरकार, उत्तराखंड सरकार और एमपी सरकार ने अपनी अपनी पुलिस भर्तियों में इन युवाओं को प्राथमिकता देने की घोषणा की है. हरियाणा सरकार ने कहा है कि वह इन 75 फीसदी अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देगी और 25 फीसदी को स्थायी नौकरी मिलेगी.

4 साल की सर्विस के दौरान वीरगति को प्राप्‍त हुए तो क्या होगा?
सभी अग्निवीरों का 48 लाख रुपये का नॉन-प्रीमियम इंश्‍योरेंस कवर होगा. ड्यूटी के दौरान मृत्‍यु होने पर 44 लाख रुपये की अतिरिक्‍त अनुग्रह राशि मिलेगी. इसके अलावा, परिवार को सेवा निधि सहित चार सालों तक सेवा न किए गए हिस्‍से का भी भुगतान किया जाएगा.

अगर दिव्‍यांग हुए तो क्या होगा?
जितने प्रतिशत अक्षमता होगी, उसके आधार पर मुआवजा दिया जाएगा. 100 फीसदी अक्षमता पर 44 लाख रुपये, 75 फीसदी अक्षमता पर 25 लाख रुपये और 50 फीसदी अक्षमता पर 15 लाख रुपये दिए जाएंगे.

केंद्रीय गृह मंत्रालय सहित कई राज्यों ने कहा है कि वे अपने बलों की भर्ती में ‘अग्निवीरों’ को वरीयता देंगे. इसके बावजूद इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. बिहार सहित कई राज्यों में छात्र सड़क पर उतरे हैं और हिंसक प्रदर्शन किया है. सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस योजना को लेकर मिथ (भ्रांतियां) फैलाए जा रहे हैं. सूत्रों ने इस योजना के बारे में मिथ की जगह फैक्टस बताएं हैं और भ्रांतियां दूर करने की कोशिश की है.

मिथ- ‘अग्निवीरों’ का भविष्य असुरक्षित है.

फैक्ट- सेना से रिटायर होने के बाद ऐसे ‘अग्निवीर’ जो कारोबार शुरू करना चाहेंगे उन्हें वित्तीय मदद दी जाएगी. उन्हें बैंक लोन भी मिलेगा. ऐसे ‘अग्निवीर’ जो आगे पढ़ाई करना चाहेंगे उन्हें 12वीं कक्षा के बराबर का सर्टिफिकेट एवं ब्रिजिंग कोर्स जाएगा. इन्हें सीएपीएफ एवं राज्यों की पुलिस की भर्ती में वरीयता दी जाएगी. सरकार के अन्य उपक्रमों में भी इन्हें समायोजित किया जाएगा.

मिथ-‘अग्निपथ’ योजना की वजह से युवाओं के लिए सेना में अवसर कम होंगे.

फैक्ट- दरअसल इस योजना से सेना में युवाओं के लिए अवसर कम नहीं बल्कि बढ़ेंगे. आने वाले वर्षों में सेना में ‘अग्निवीरों’ की भर्ती मौजूदा समय से करीब तीन गुना बढ़ जाएगी.

मिथ- रेजिमेंट से जुड़ाव कमजोर होगा

फैक्ट-सेना के रेजिमेंटल व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है. वास्तव में ‘अग्निवीरों’ के आने से रेजिमेंट की भावना और बढ़ेगी क्योंकि इसमें सर्वोत्तम जवान चुने जाएंगे.

मिथ-‘अग्निवीरों’ से सशस्त्र बलों की क्षमता प्रभावित होगी

फैक्ट- सेना में इस तरह की सीमित सेवा की व्यवस्था ज्यादातर देशों में है. इस व्यवस्था को पहले से ही परखा जा चुका है. बूढ़ी होती सेना एवं युवाओं के लिए इसे सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था माना जाता है. पहले साल भर्ती होने वाले ‘अग्निवीरों’ की संख्या सशस्त्र सेनाओं की संख्या की मात्र 3 फीसदी होगी.

मिथ-21 साल के जवान नादान एवं सेना के लिए भरोसेमंद नहीं होंगे

फैक्ट-दुनिया की ज्यादातर सेनाएं अपने युवा जवानों पर निर्भर हैं. सेना में युवा जवानों की संख्या अनुभवी सैनिकों से ज्यादा हो जाए, ऐसा कभी समय नहीं आएगा. इस योजना के तहत धीरे-धीरे ‘अग्निवीरों’ की संख्या बढ़ाई जाएगी वह भी अनुभवी सैनिकों की तादाद को देखते हुए.

मिथ-समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं ‘अग्निवीर’, आतंकवादी बन सकते हैं.

फैक्ट-ऐसी सोच भारतीय सेना के मूल्यों एवं परंपरा के खिलाफ है. एक बार सेना की वर्दी पहन चुके युवा हमेशा देश और समाज के प्रति वफादार रहेंगे. सशस्त्र सेनाओं से हर साल हजारो लोग रिटायर होते हैं, उनके पास कौशल होता है, वह देशविरोधी गतिविधियों में शामिल हुए हों, ऐसा एक भी मामला नहीं आया है.

मिथ-‘अग्निपथ’ योजना के बारे में सशस्त्र सेनाओं के पूर्व अधिकारियों से सलाह-मशविरा नहीं किया गया.

फैक्ट- बीते दो सालों में सशस्त्र सेनाओं में सेवारत अधिकारियों से इस योजना पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ है. इस योजना का प्रस्ताव डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री ऑफिसर्स के अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया है. इस विभाग को सरकार ने ही बनाया है. सशस्त्र बलों के पूर्व अधिकारियों ने इस योजना के लाभों को स्वीकार और इसका स्वागत किया है.

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