लखनऊ में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन, 50 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव की उम्मीद, प्रशासन को मिले 25 हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल

औद्योगिक जिला बनने की ओर बढ़ रहे राजधानी लखनऊ में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश कराए जाने की तैयारी जोरों पर है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले मंगलवार को होने वाले लखनऊ निवेशक सम्मेलन (Lucknow Investors Summit) में इच्छुक उद्यमी जिला प्रशासन और जिला उद्योग केंद्र के साथ इंटेंट के अनुबंध करेंगे।

जिला प्रशासन के पास आए 25 हजार करोड़ के प्रस्ताव

सम्मेलन से पहले ही जिला प्रशासन के पास 25 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं। इनमें 16 हजार करोड़ रुपये के साथ अभी तक रीयल एस्टेट सेक्टर सबसे बड़े निवेशक के रूप में सामने आया है। इसके बाद एमएसएमई ने तीन हजार करोड़ रुपये के अपने प्रस्ताव दिए हैं। आईआईए ने भी करीब 1000 करोड़ रुपये के निवेश की बात कही है।

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कलेक्ट्रेट में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि लखनऊ निवेशक सम्मेलन दो भागों में होगा। एक ओर उद्यमियों संग इंटेंट के लिए अनुबंध किया जाएगा तो तकनीकी सत्र में मौजूदा नीतियों और सुगमता के साथ प्रक्रिया पूरी करने के तरीके बताए जाएंगे।

उन्होंने  बताया कि इसमें एलडीए, नगर निगम, लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण, जिला पंचायत, जिला उद्योग केंद्र आदि के अधिकारी औद्योगिक परिसर के लिए मानचित्र स्वीकृति से लेकर अन्य अनुमति और नियमों की जानकारी देंगे। इस दौरान उद्यमियों की दिक्कतों का भी हल निकाला जाएगा। सम्मेलन में सभी विभागों के अधिकारी रहेंगे। औद्योगिक संगठनों आईआईए, फिक्की, एसोचैम यूपी-यूके, सीआईआई आदि के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है।

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विकसित होंगी चार नई इंटीग्रेटेड टाउनशिप

एलडीए वीसी ने बताया कि लखनऊ की नई परियोजनाओं में 16 हजार करोड़ रुपये के रीयल एस्टेट कंपनियों से प्रस्ताव पर सहमति बनी है। इसमें चार नई इंटीग्रेटेड टाउनशिप शामिल हैं। एलडीए की अपनी आवासीय योजना इसी साल शुरू होनी है। मौजूदा योजनाओं में भी नए प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं। इससे जहां बड़ी संख्या में निवेश होगा तो लोगों को बेहतर आवास भी मिलेंगे।

उन्होंने बताया कि आवास विकास परिषद के शामिल होने से आंकड़ा और बढ़ेगा। जनवरी के अंत तक लॉजिस्टिक प्लान भी तैयार कर लिया जाएगा। मोबिलिटी प्लान, सीडीपी पहले ही तैयार हो चुकी है। इसके बाद महायोजना 2031 में इन्हें शामिल करते हुए जरूरी संशोधन किए जाने हैं।

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मिलेंगी ये सुविधाएं

जानकारी के अनुसार, इंटेंट रजिस्टर कर साइन करने वालों को बहुत सी छूट और सुविधाए दी जाएंगी। राजस्व की धारा 80 के तहत भूपरिवर्तन दो दिन में हो जाएगा। नक्शा पास कराने के लिए चेक लिस्ट बताएंगे। जो कमियां होंगी, उन्हें दूर करने में मदद करेंगे। अगर जमीन खरीद रहे हैं, लेकिन पैमाइश, विक्रेता के परिवार में बंटवारे की दिक्कत है तो यह काम फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले ही हो जाएगा।

इनमें कई मामलों में वाद दर्ज होते हैं, इसलिए अधिकतम एक माह की समय सीमा रखी गई, जिसके पहले निस्तारण कर दिया जाएगा। जिनके पास सीलिंग सीमा से अधिक यानी 12 एकड़ से ज्यादा जमीन है उनको प्रक्रिया बताई जाएगी। जमीन के एक्सचेंज में भी मदद की जाएगी।

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