BSE में 200 करोड़ के बॉन्ड उतारकर ‘आत्मनिर्भर’ बनने की तैयारी में लखनऊ नगर निगम, शहरवासियों को होगा सीधा फायदा

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) अब कॉरपोरेट जगत के साथ कदमताल करेगा। राजधानी में विकास, सौंदर्यीकरण व साफ सफाई का खर्च अब वह अपने दम पर उठाने की तैयारी की जा रही है। बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज में दो सौ करोड़ के बॉन्ड उतारने के साथ ही नगर निगम और उसकी कार्यशैली की सूरत बदलने जा रही है। इसका फायदा सीधे शहरवासियों को मिलेगा।


अपने इतिहास के सबसे बड़े बदलाव की दहलीज पर खड़ा नगर निगम प्रशासन इसका आगाज भी बिल्कुल अलग अंदाज में करने की तैयारी कर रहा है। तय योजना के मुताबिक 2 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीएसई में लॉन्च किए गए नगर निगम के बॉन्ड का औपचारिक लॉन्च करेंगे। कोविड को देखते हुए इस पूरे कार्यक्रम में सीमित लोग ही रहेंगे।


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लखनऊ के नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि लखनऊ नगर निगम का यह बॉन्ड अधिक बाजार उन्मुख और पारदर्शी है, जो स्थानीय प्रशासन को और गति देगा। प्रदेश सरकार, लखनऊ नगर निगम की उपलब्धि का अनुकरण करने के लिए राज्य के अन्य स्थानीय निकायों को भी प्रोत्साहित करने की तैयारी में है।


नगर आयुक्त ने कहा कि लखनऊ नगर निगम के बॉन्ड को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में दो सौ करोड़ के कुल अंक के साथ लॉन्च किया है, जो 225 फीसदी (450 करोड़) से अधिक सब्सक्राइब हुआ। 10 साल के बॉन्ड के लिए 8.5 फीसदी की उछाल के साथ एक बहुत ही आकर्षक दर पर बंद हुआ, जो एक रिकॉर्ड है। बताते चलें कि लखनऊ में 2018 में हुए इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर भारत में अमृत योजना के तहत पहले नगर निगम के बॉन्ड के रूप में लांच करने के लिए एक चुनौती के रूप में लिया था। नगर निगम का कोविड काल में इसे जारी करना अपने आप में उपलब्धि है।


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उन्होंने बताया कि इस बॉन्ड का ओवर सब्सक्राइब होना, इस बात का संकेत है कि देश में आर्थिक माहौल में सुधार के कारण निवेशकों की दिलचस्पी है। लखनऊ नगर निगम की ओर से लॉन्च किया गया बॉन्ड शहरी शासन में एक बदलाव का प्रतीक है। इसके लिए योगी सरकार और भारत सरकार ने अपना पूरा समर्थन दिया है।


उन्होंने कहा कि लखनऊ नगर निगम का यह बॉन्ड अधिक बाजार उन्मुख और पारदर्शी होने के कारण स्थानीय प्रशासन को और गति देगा। प्रदेश सरकार, लखनऊ नगर निगम द्वारा निर्धारित उदाहरण का अनुकरण करने के लिए राज्य के अन्य स्थानीय निकायों को भी प्रोत्साहित करेगी। उम्मीद है कि गाजियाबाद और फिर अन्य शहरों जैसे वाराणसी, आगरा और कानपुर के नगर निगम भी आने वाले महीनों में बॉन्ड जारी करेंगे।


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