लखनऊ (Lucknow) के इको गार्डन (Eco Garden) में शिक्षामित्रों का विरोध प्रदर्शन (Shikshamitras Protests) लगातार 16वें दिन भी जारी रहा। सैकड़ों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारी शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। इस बार आंदोलन को एक नया रूप देते हुए शिक्षामित्रों ने पोस्टकार्ड अभियान (Shikshamitras Postcard Campaign) चलाया और अपनी समस्याएं सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पोस्टकार्ड के माध्यम से भेजीं।
भीख नहीं, सम्मान चाहिए – गूंजा नारा
प्रदर्शन स्थल पर शिक्षामित्र भीख नहीं, सम्मान चाहिए, पूरा वेतनमान चाहिए, जैसे नारे लगा रहे थे। उनका कहना है कि वे बीते 16 दिनों से 40 डिग्री से अधिक तापमान में तपती धूप और गर्म पत्थरों पर बैठकर विरोध कर रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।
50 हजार शिक्षामित्रों की एकजुट आवाज
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 75 जनपदों से आए लगभग 50,000 शिक्षामित्र इस आंदोलन में भाग ले रहे हैं। ये सभी TET और CTET उत्तीर्ण हैं और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCTE) के मानकों के अनुरूप योग्य हैं। इसके बावजूद उन्हें अब तक स्थायी नौकरी नहीं मिली है। इनका कहना है कि उन्होंने वर्षों तक शिक्षा व्यवस्था में अपनी सेवाएं दीं, लेकिन आज भी उन्हें अस्थायी मानकर नजरअंदाज किया जा रहा है।
संकल्प पत्र में था वादा, लेकिन अब कोई सुनवाई नहीं
सीतापुर से आए शिक्षामित्र गुड्डू सिंह ने कहा कि 2017 में भाजपा ने अपने चुनावी संकल्प पत्र में शिक्षामित्रों को न्याय देने का वादा किया था, लेकिन आज तक उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है। गुड्डू ने बताया कि वे मात्र 10,000 रुपये मासिक वेतन पर काम कर रहे हैं, और वह भी केवल 11 महीनों का। जून माह का वेतन नहीं दिया जाता, जिससे परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है।
आर्थिक तंगी और सामाजिक अनदेखी
गुड्डू सिंह ने आगे कहा कि इतने कम वेतन में बच्चों की पढ़ाई, माता-पिता का इलाज और घरेलू ज़रूरतें पूरी करना असंभव हो गया है। उन्होंने बताया कि गर्मियों में समर कैंप चलाने के बावजूद उन्हें कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलता।
अन्य राज्यों जैसी सुविधाओं की मांग
धरना दे रहे शिक्षामित्रों ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों का हवाला देते हुए मांग की कि यूपी में भी TET पास शिक्षामित्रों को स्थायी किया जाए। साथ ही वे मांग कर रहे हैं कि सभी शिक्षामित्रों को 12 महीने का मानदेय, चिकित्सकीय अवकाश, 14 आकस्मिक अवकाश (CL) और अन्य सरकारी सुविधाएं दी जाएं।
महिला शिक्षामित्रों की अलग मांगें
आंदोलन में शामिल महिला शिक्षामित्रों ने अंतरजनपदीय स्थानांतरण की मांग करते हुए शासनादेश के तहत जल्द से जल्द स्थानांतरण शेड्यूल जारी करने की बात कही।
मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा
शिक्षामित्रों का साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। सरकार से जल्द सकारात्मक पहल की उम्मीद जताते हुए उन्होंने चेताया कि अगर अब भी उन्हें अनसुना किया गया, तो वे और भी बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।