मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। मदन मोहन मालवीय शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र और शिक्षा संकाय,दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर द्वारा संयुक्त रूप से ‘शिक्षा में नवाचार और नैतिकता’ विषय पर आयोजित पुनश्चर्या पाठ्यक्रम के पांचवें दिन प्रथम सत्र में प्रोफेसर मुनेश कुमार शिक्षा संकाय लखनऊ यूनिवर्सिटी लखनऊ के द्वारा अपने उद्बोधन में सॉफ्ट स्किल पर कार्य करने पर बल दिया। सर ने कहा कि अगर हमें संस्थाओं को निजीकरण से बचाना है तो हमें अपने दायित्व के अनुसार ईमानदारी से शिक्षण कार्य करना होगा। हमें पहले अपने अंदर नैतिकता लाना होगा फिर हम दूसरे से नैतिकता की आशा कर सकते हैं,विभाग में परस्पर समजनस्य के द्वारा ही हम संस्थान का माहौल बदल सकते हैं।
आज के दूसरे सत्र में प्रोफेसर विनोद कुमार संगवाल, शिक्षक शिक्षा विभाग, एनसीईआरटी नई दिल्ली के द्वारा स्ट्रेस मैनेजमेंट पर व्याख्यान दिया गया सर ने बताया कि वर्तमान समय में सोशल मीडिया के अनियंत्रित उपयोग तथा मोबाइल के ज्यादा उपयोग से तमाम तरह के तनाव उत्पन्न हो रहे है। तनाव के 6 प्रमुख कारणों को बहुत ही उपयुक्त उदाहरण द्वारा समझाया।सर ने बताया की उपयुक्त समय प्रबंधन से हम तनाव से बच सकते है।
कार्यक्रम के तीसरे सत्र में प्रोफेसर सुषमा पांडेय, शिक्षा संकाय डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी गोरखपुर के द्वारा इंटीग्रेशन ऑफ वोकेशनल एजुकेशन इन टीचिंग पर बहुत ही सारगर्भित व्याख्यान दिया गया। मैडम नहीं बताया कि तकनीकी कार्य दक्षता तथा उधमशीलता से संबंधित कौशल कम्युनिकेशन,समय प्रबंधन,लीडरशिप,जल संरक्षण, आत्मरक्षा तथा जीवन सुरक्षा,डाटा कलेक्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला । मैडम ने बताया कि पाठ योजना के निर्माण से तथा उसके प्रैक्टिस से स्किल्ड हुआ जा सकता है। जीवन संबंधी कौशल प्राप्त करने के बाद व्यक्ति परिवार में समाज में तथा संस्थान में सामंजस्य स्थापित कर लेता है इससे व्यक्ति का चौमुखी विकास होता है। किसी प्रकरण के शिक्षण के लिए 45 45 मिनट की घंटी के साथ पांच कार्य दिवस निर्धारित किए गए हैं।
आज के चतुर्थ सत्र में प्रोफेसर गोपाल कृष्ण ठाकुर सर ने शिक्षण में नैतिकता और उसकी भूमिका विषय पर प्रभावशाली व्याख्यान दिया, सर ने यूजीसी कोड आफ कॉन्टैक्ट फॉर फैकेल्टी को विस्तार से बताया तथा कहा कि स्टूडेंट में नैतिक व्यवहार को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और यह तभी संभव है जब शिक्षक नैतिकता की उच्च मानदंड स्थापित करें।
आज के सत्र का संचालन डॉ अनुपम सिंह ने किया,जबकि वक्ताओं का स्वागत पुनश्चर्या पाठ्यक्रम की संयोजक प्रो सुषमा पाण्डेय ने किया।आज के सत्र में डॉ राजेश कुमार सिंह, डॉ दुर्गेश पाल सिंह डॉ. अर्जुन सोनकर डॉ.अजय कुमार सिंह समेत बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित रहे।
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