अब बच्चे बनेंगे दादा-दादी और माता-पिता के मास्टर, मोदी सरकार इस स्कीम पर कर रही है काम

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि केंद्र सरकार परिवार के छोटे बच्चों के जरिए अपने अनपढ़ बुजुर्गो को शिक्षित करने की योजना पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि नया अभियान जल्द शुरू करेंगे जिसमें छठी कक्षा से दसवीं तक के घर के ही छात्र अपने निरक्षर माता-पिता या दादा-दादी को पढाएंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए एक पुस्तक तैयार की जा रही है जिसमें बताया जाएगा कि छात्र को अपने अनपढ़ परिजनों को कैसे पढाना है.

 

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केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने बताया कि बच्चों को परिवार में अपने निरक्षर दादा-दादी को शिक्षित करने के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी. जावडेकर ने कहा, ‘इस योजना को लागू करने के लिए तैयारियां चल रही है और आने वाले दो महीनों में यह योजना शुरू की जाएगी. इसके लिए हम सामग्री उपलब्ध कराएंगे. मैंने बच्चों से बातचीत की है और उन्हें अपने बुजुर्ग परिजनों को इस तरह से शिक्षित करने को कहा है.’ उन्होंने कहा कि योजना की विस्तृत जानकारी योजना की औपचारिक शुरूआत के समय उपलब्ध कराई जाएगी.

 

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प्रकाश जावडेकर ने कहा, ‘बच्चे अब अपने दादा-दादी और माता-पिता के मास्टर बनेंगे और यह एक नई क्रांति है.’ राजस्थान के चुनाव प्रभारी जावडेकर ने लोगों से बातचीत करके सरकार के कार्यों के बारे में उनकी राय जानी. जावडेकर ने लाभार्थियों और बच्चों सहित उनके परिजनों से सरकारी योजनाओं के बारे में बातचीत की और बच्चों को अपने निरक्षर दादा- दादी को शिक्षित करने को कहा. उन्होंने लाभार्थियों के घर चाय पी और खाना भी खाया.

 

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