केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। अब किसानों के निशानों पर मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani ) की कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) आ गई है। दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों ने बीते दिनों रिलायंस जियो का सिम कार्ड जलाकर विरोध प्रदर्शन किया तो अब जियो मोबाइल टावरों की बिजली काटी जा रही है। जानकारी के मुताबिक, पंजाब में अब तक कुल 1411 मोबाइल टावर (Tower) के कनेक्शन काटे जा चुके हैं, जिसकी वजह से दूरसंचार संपर्क व्यवस्था पर असर पड़ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में पंजाब में 176 से अधिक मोबाइल टावर प्रभावित हुए हैं। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि नए कृषि कानूनों से मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी जैसे उद्योगपतियों को लाभ होगा। इसी को लेकर पंजाब में विभिन्न स्थानों पर रिलायंस जियो के टावरों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इनमें ज्यादातर जियो और दूरसंचार उद्योग के साझा बुनियादी ढांचा सुविधाओं से जुड़े टॉवरों को क्षति पहुंचायी गयी है। टॉवरों को नुकसान पहुंचने से दूरसंचार सेवाओं पर भी असर पड़ा है।
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विरोश प्रदर्शन शुरू होने से अबतक 1,338 से अधिक मोबाइल टॉवरों की बिजली काटी गई है। कुछ क्षेत्रों में संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया है। मनसा के मूसा गांव में टावर से जुड़े एक पोल को फेंक दिया गया, जबकि एक केबल बॉक्स भी जला हुआ पाया गया। सूत्रों ने कहा कि केबल की मरम्मत कर रहे कंपनी के कुछ कर्मचारियों के साथ ग्रामीणों ने धक्का मुक्की भी की है।
ऐसे में पंजाब के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों से इस प्रकार के कार्यों से आम लोगों को असुविधा नहीं पहुंचाने की अपील की। उन्होंने किसानों से कहा कि जिस संयम के साथ वे आंदोलन करते आए हैं, उसे बरकरार रखें। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा था कि मुख्यमंत्री ने कोविड महामारी के बीच दूरसंचार संपर्क व्यवस्था को महत्वपूर्ण बताया और किसानों से आंदोलन के दौरान उसी तरह का अनुशासन और जिम्मेदारी दिखाने को कहा जिसे वह दिल्ली सीमा पर और पूर्व के विरोध-प्रदर्शन में दिखाते आए हैं।
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वहीं, बीकेयू (उग्राहन) के उपाध्यक्ष शिंगारा सिंह मान ने बताया कि हमने किसी को ऐसा कुछ करने के लिए नहीं कहा है। बल्कि हम अपने सदस्यों को यह बताने वाले पहले संगठन थे कि उन्हें विरोध में टावरों को या उनके बिजली कनेक्शन को नुकसान नहीं पहुंचाना है। हम तो सिर्फ दूरसंचार कंपनी का कर रहे विरोध और हमारा ध्यान सिर्फ उसका बहिष्कार करने पर है। शिंगारा सिंह ने कहा कि ये किसी की शरारत है। यदि कोई ऐसा कर रहा है तो वह खुद से ऐसा कर रहा है, क्योंकि वह कॉरपोरेट्स से नाराज़ होगा। बीकेयू संगठन का इससे कोई लेना देना नहीं है।
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