OPINION: देवभूमि उत्तराखंड भी हुआ मुस्लिम तुष्टिकरण का शिकार

उत्तर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र को काटकर बनाया गया उत्तराखंड राज्य जिसे देवभूमि होने का सम्मान प्राप्त है, वह मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति का शिकार हो गया है। ऋषि मुनियों की तपस्थली आज बांग्लादेशी व रोहिंग्याओं की बढ़ती आमद के कारण जनसंख्या असंतुलन के खतरों से जूझ रही है। देवभूमि में लव जिहाद के साथ साथ मजारों के नाम पर जमीन जेहाद भी जोरों पर है। देवभूमि के जंगलो में अतिक्रमण कर बनाई जा रही मजारें तथा अन्य धार्मिक संरचनाएं बड़े खतरे का संकेत दे रही हैं।

विगत कुछ माह पूर्व समाचार आया था कि राज्य के जंगलों में एकाएक मजारों और अन्य धार्मिक संरचनाओं की बाढ़ आ रही है इन सूचनाओं के आने के बाद धामी सरकार ने वन विभाग से जंगलों में स्थित धर्मिक स्थलों के सबंध में रिपोर्ट मांगी। प्रारंभिक रिपोर्ट में वनक्षेत्र में लगभग 400 मजारों की बात सामने आई थी कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में लगभग 40 मजारों का पता चला था। किंतु अब इन अवैध मजारों की संख्या 1000 तक पहुंच गई है। मंदिर, गुफाएं, संतो की समाधियां राज्य के वनक्षेत्र की मूलभूत पहचान हैं ऐसी जगह पर मजारों का अचानक बढ़ जाना किसी घिनौने षड्यंत्र की निशानी है।

सरकारी सर्वे के बाद इस बात की भी पुष्टि हो रही है कि धार्मिक संरचनाओं और मजारों के नाम परअवैध बांग्ला और रोहिंग्या देशी जंगल की भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। जंगलों में अवैधरूप से बनी मजारो को हटाने की मुहिम एक बार चलाई गई थी लेकिन सेकुलर दलों ने राजनीति प्रारम्भ कर दी इतना ही नहीं मजारों के नाम पर जमीन जेहाद चलाने वाले अराजक तत्वों के हाथ इतने मजबूत हैं कि उन्होंने तोड़ी गई मजार को पुनः बनाकर स्थापित कर दिया।यह सब कुछ देखने के बाद अब प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा रूख अपना लिया है।

विगत दिनों मुख्यंमत्री पुष्कर सिंह धामी ने कालाढूंगी के इंटर कालेज में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद कहा कि लैंड जिहाद हो या मजार जिहाद देवभूमि उत्तराखंड में कानून और सनातन धर्म के विरुद्ध कोई काम नहीं होगा। हमने ऐसे 1000 जगहों का सर्वे कराया है जहां अतिक्रमण किया गया है अगर 6 महीने में इसे नहीं हटाया गया तो सरकार कार्यवाही करेगी। उन्होंने बताया कि कुछ जगहों पर खुदाई कर के देखा गया तो अवैध मजारों के नीचे किसी तरह के मानव अवशेष नहीं मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा विश्वास कानून पर है ऐसे में हम तुष्टिकरण नहीं होने देंगे।प्रदेश में जनसंख्या असंतुलन पर कड़ाई से नियंत्रण किया जाएगा।

ज्ञातव्य है कि धामी सरकार ने दिसंबर 2022 और मार्च 2023 में कार्रवाई करते हुए 41 अवैध मजारों को ध्वस्त कर दिया था तब तथाकथित सेकुलर दलों व ताकतों की ओर से अल्पसंख्यक समाज पर हमले और अत्याचार का मनगढंत मुद्दा उछाला गया था। किंतु अब सरकार व भाजपा भी इन ताकतों के रवैये से सतर्क हैं जिसमें सबसे पहले हर प्रकार की जांच करने के बाद ही मजार बनाने वालों को छह माह का समय दिया गया है अगर यह लोग अपनी मजारें स्वतः नहीं हटाते हैं तब एक बार फिर लिस्ट बनाकर 1000 मजारों को बुलडोजर से ध्वस्त किया जाएगा।

बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की बढ़ती संख्या के कारण उत्तराखंड वहां पर अपराधों की संख्या में भारी वृद्धि हुयी है क्योंकि राहजनी जैसे अपराध बाहर से आ रहे बांग्लादेशी घुसपैठिए व रोहिंग्या आदि ही कर रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्र की सरल हिंदू बालिकाओं को दूसरे धर्म के युवकों द्वारा बहलाया फुसलाया जा रहा है और मतान्तरण के लिए बाध्य किया जा रहा है।

धामी सरकार ने यद्यपि कड़ा रुख अपनाया है किन्तु बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं की आमद को सख्ती से कुचलने के साथ साथ उनके स्थानीय आकाओं को भी सही सबक सिखाने की आवश्यकता है।

( मृत्युंजय दीक्षित, लेखक राजनीतिक जानकार व स्तंभकार हैं.)

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