जनवरी में आएगी कोरोना की तीसरी लहर, नए वेरिएंट से बचने की जरूरत, IIT प्रोफेसर का दावा

पहले तेलंगाना, फिर महाराष्ट्र और अब दिल्ली। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले अब तक देश के तीन राज्यों में मिले हैं। जिसकी वजह से एक बार फिर हड़कंप जैसी स्थिति होने लगी है। इसी के चलते यूपी में भी अलर्ट जारी कर दिया है। इसी बीच अब आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने अपनी स्टडी के आधार पर दावा किया है कि तीसरी लहर जनवरी में शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि ये बेहद तेजी से फैलता है।

फरवरी में सामने आएगी पीक

जानकारी के मुताबिक, आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के फैकल्टी पद्मश्री प्रो मणींद्र अग्रवाल ने कंप्यूटर मॉडल ‘सूत्र’ के जरिए पहली व दूसरी लहर का भी पूर्वानुमान जताया था। उसी मॉडल के आधार पर उन्होंने बताया कि लहर जनवरी के पहले हफ्ते से दस्तक देगी। तीसरी लहर का पीक फरवरी में आने की संभावना है। जिस समय यह तीसरी लहर पीक पर होगी उस समय रोजाना एक लाख से डेढ़ लाख के बीच संक्रमित मरीजों के संभावना देखने को मिल रही है।

प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा ये वैरिएंट नेचुरल इम्युनिटी को ज्यादा बाईपास नहीं कर रहा है। नेचुरल इम्युनिटी का मतलब जिन लोगों को एक बार कोरोना हो चुका है उनको घबराने की जरूरत नहीं है। प्रो. अग्रवाल ने कहा कि जैसा हम लोगों ने डेल्टा वैरिएंट के दौरान हो रहे प्रसार को रोकने के लिए एक हल्का लॉकडाउन (रात का कर्फ्यू, भीड़ पर प्रतिबंध) लगाया था उसी तरह इस बार भी प्रयोग किया जा सकता है।

प्रदेश में सख्ती बरतने के आदेश जारी

कोरोना प्रबंधन में अव्‍वल रहने वाली उत्‍तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में कोरोना की पहली लहर में कम समय में जांच की रफ्तार को बढ़ाया था जिसके बाद यूपी प्रतिदिन ढाई लाख से अधिक आरटीपीआर जांच करने में सक्षम है। ऐसे में नए वैरिएंट को ध्‍यान में रखते हुए भविष्‍य में जीनोम सीक्वेंसी की रफ्तार को बढ़ाने में भी यूपी में सक्षम है। सीएम ने पीजीआई, केजीएमयू में जीनोम परीक्षण को तेज करने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में फोकस टेस्टिंग के दायरे को बढ़ाते हुए स्‍क्रीनिंग, सर्विलांस, जांच को तेजी से बढ़ाया जा रहा है।

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