समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब एक और सपा नेता ने धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस (Ramcharit Manas) पर विवादित बयान दिया है। सपा नेता व पूर्व विधायक ब्रजेश प्रजापति (SP Leader Brajesh Prajapati) ने स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन करते हुए कहा कि रामचरितमानस में कुछ आपत्तिजनक पंक्तियां हैं उन्हें सरकार हटा दे या फिर रामचरित मानस को ही बैन कर दिया जाए।
सपा नेता ब्रजेश प्रजापति ने कहा कि श्रीरामचरितमानस की कुछ चौपाइयों से आदिवासी, दलित और पिछड़े समाज समेत महिलाओं को ठेस पहुंचती है। ब्रजेश प्रजापति ने सोशल मीडिया में भी श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई को हाईलाइट करते हुए पोस्ट डाली और उसमें लिखा ‘इस पर हमारा भी विरोध है।’
ब्रजेश प्रजापति बांदा की तिंदवारी विधानसभा से बीजेपी के विधायक रह चुके हैं। हालांकि 2022 के चुनावों से पहले जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी छोड़ी थी, उसी दौरान ब्रजेश प्रजापति भी उनके साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। ब्रजेश प्रजापति सपा एमलएसी स्वामी प्रसाद मौर्य के खास बताए जाते हैं।
वहीं, विवाद बढ़ने के बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस मुद्दे पर सफाई दी है और वो अपने बयान पर डंटे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने न तो भगवान राम का अपमान किया है, ना ही रामचरितमानस का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि हमें कुछ चौपाइयों पर आपत्ति है।
उधर, समाजवादी पार्टी ने रामचरित मानस पर विवादित बयान के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य से किनारा कर लिया। सपा चीफ अखिलेश यादव भी मौर्य से नाराज बताए जा रहे हैं। हालांकि, अभी तक उन्होंने इस मामले में चुपी साध रखी है।
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