साल 2014-15 में अखिलेश यादव सरकार में शुरू की गई समाजवादी पेंशन योजना में अरबों रुपए की धांधली का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश भर में 4.50 लाख ऐसे लोगों की पहचान की गई है, जिन्हें इस योजना के लागू होने के बाद से ही पेंशन दी जा रही है।
कार्रवाई के लिए शासन के निर्देशों का इंतजार
जानकारी के मुताबिक, समाजवादी पेंशन योजना के तहत जिले के लाभार्थियों को तिमाही किस्त के तौर पर 1500 रुपए उनके बैंक अकाउंट में भेजे जाते थे। ऐसे में जिन 4.50 लाख लोगों की पहचान की गई, इन्होंने सरकार को अब तक 10.80 अरब रुपए का चपत लगाई है।
बताया जा रहा है इन लाभार्थियों से रिकवरी या फिर अन्य कोई कार्रवाई के लिए शासन के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि अब इस मामले में जल्द ही मृत व्यक्तियों और अपात्रों को योजना का लाभ पहुंचाने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि योजना में गड़बड़ी सामने आने के बाद योजना पर रोक लगाने के बाद अपात्रों की पहचान करने के निर्देश दिए थे।
जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ बैठक में लिया जाएगा फैसला
समाजवादी पेंशन योजना में धांधली की शिकायत मिलने के बाद प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने मई 2017 में जांच कर एक महीने में रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन यह रिपोर्ट अब जाकर तैयार हुई है। अब ऐसे अधिकारियों की भी सूची तैयार हो रही है। जिनके जिलों में सबसे ज्यादा अपात्र पाए गए हैं।
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समाज कल्याण विभाग के मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि 4.50 लाख अपात्र सरकार के 10.80 अरब रुपये हड़प गए। योजना के नाम पर हुई गड़बड़ी की रिपोर्ट मिल गई है। जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर कोई अहम फैसला लिया जाएगा। पात्र लाभार्थियों के लिए सरकार जल्द ही नई स्कीम लाने की तैयारी में है। मृत व्यक्तियों को योजना का पात्र दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
नई पेंशन योजना लागू करने पर लिया जा सकता है फैसला
निदेशक समाज कल्याण जगदीश प्रसाद बताते हैं कि समाजवादी पेंशन योजना की जगह पर नई पेंशन योजना को लागू करने का फैसला लिया जा सकता है। समाजवादी पेंशन योजना के तहत प्रदेश के 75 जिलों के 54 लाख लाभार्थियों को योजना से लाभान्वित किया जा रहा था। अपात्रों के चयन की शिकायत मिलने के बाद शासन स्तर से जांच करवाई गई। इसमें 4 लाख 50 हजार से ज्यादा अपात्र व्यक्तियों की पहचान हुई, जिन्हें सरकारी नियमों को ताक पर रखकर योजना का लाभ दिया गया।
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हाल ही में प्रमुख सचिव से लेकर राज्य सरकार को भी इस गड़बड़ी की पूरी रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। शासन से निर्देश मिलने पर आगे की कार्रवाई होगी। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस योजना के पात्र लाभार्थियों को किसी अन्य योजना से जोड़ने के लिए ग्राम्य विकास विभाग द्वारा सर्वे किया गया। ताकि 60 साल से कम उम्र वाले व्यक्तियों को पेंशन योजना से लाभान्वित किया जा सके।
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