रामपुर में CRPF कैंप पर आतंकी हमले में 6 दोषी करार, 12 साल पहले हुए हमले में 7 जवान हुए थे शहीद

उत्तर प्रदेश में दिसंबर 2007 में रामपुर (Rampur) में सीआरपीएफ कैंप (CRPF Camp) पर हुए आतंकी हमले (Terror Attack) के मामले में एडीजे कोर्ट आज (2 नवंबर) को सजा का ऐलान कर सकती है. बता दें केस में एडीजे कोर्ट ने 6 आरोपियों को दोषी करार दिया है. वहीं आरोप सिद्ध न होने पर अदालत ने दो अभियुक्तों कौसर फारुकी और गुलाब खान को बरी कर दिया है. अपर जिला सत्र तृतीय (ADJ-3) के न्यायालय में इस मामले की सुनवाई चल रही थी.


मुंबई से गिरफ्तार फहीम अंसारी भी दोषी करार

इस संबंध में जिला शासकीय अधिवक्ता सरदार दलविंदर सिंह (डंपी) ने बताया कि मोहम्मद शरीफ, जंग बहादुर, इमरान शहजाद, मोहम्मद फारुख और सबाउद्दीन को आतंकी हमले में दोषी करार दिया गया. वहीं कौसर खान और गुलाब खान को दोषमुक्त किया गया. वहीं मामले में गिरफ्तार मुंबई गोरेगांव के फहीम अंसारी से पासपोर्ट और पिस्टल वगैरह बरामद हुए थे. उसकी हमले में कोई भूमिका नहीं पाई गई है. उसे धारा 420, 467, 468, 471, 200 आईपीसी, 25/1/ए में दोषी पाया गया है. उन्होंने बताया कि सभी दोषियों को लेकर अभी सजा का ऐलान नहीं किया गया है.


सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हुआ था हमला

गौरतलब है कि सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसंबर 2007 की रात ढाई बजे आतंकियों ने हमला कर दिया था. आतंकी सेंटर के गेट नंबर एक से अंदर घुसे थे. यह गेट दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर है. आतंकियों ने गेट पर मौजूद जवानों पर गोलियां बरसाई और हैंड ग्रेनेड भी फेंके थे. इसके बाद एके-47 से गोलियां बरसाते हुए केंद्र परिसर में काफी अंदर तक घुस गए थे. हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे. इसके अलावा गेट के बाहर अपने रिक्शा पर सो रहे चालक की भी मौत हो गई थी.


7 जवान हुए थे शहीद

पुलिस ने हमले के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें गुलाम कश्मीर का इमरान शहजाद, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का मुहम्मद फारुख पुत्र बूटा बट्टी, बिहार का सबाउद्दीन पुत्र शब्बीर अहमद, महाराष्ट्र में गोरे गांव का फहीम अंसारी, यूपी के प्रतापगढ़ का मुहम्मद कौसर खां पुत्र कदीरुद्दीन, बरेली के थाना बहेड़ी का गुलाब खां पुत्र शमशेर खां, मुरादाबाद के ग्राम मिलक कामरू का जंग बहादुर बाबा पुत्र खान बहादुर और रामपुर का मुहम्मद शरीफ पुत्र मुहम्मद अय्यूब शामिल था. इस पूरी घटना में 7 जवान शहीद हुए थे. वहीं, हमले में एक रिक्शा चालक की भी मौत हो गई थी. मामले में जनवरी 2008 में केस दर्ज किया गया था. इसकी जांच यूपी एसटीएफ और पुलिस कर रही थी.


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