भारत में पहली बार ‘टेस्ट ट्यूब’ से जन्मेंगी ‘गाय’, होंगे ये फायदे

बाराबंकी: इंसानों के बाद अब गाय ट्यूब बेबी को जन्म दिलाया जाएगा. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में चक गंजरिया निबलेट फार्म में परख नली से गाय के भ्रूण बनाने पर शोध शुरू हो गया है. इस प्रयोग के बाद इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा.

 

फायदे

रिसर्च में लगे पशु चिकित्सक का कहना है कि इसके बाद जन्मी बछिया के  दूध की गुणवत्ता बढ़ेगी. देश के 9 राज्यों में करीब पांच साल से चल रहे भ्रूण प्रत्यारोपण की तकनीक को और हाईटेक किया जा रहा है. अब अच्छी नस्ल की एक गाय के हार्मोन्स के जरिए 15 से 16 भ्रूण तैयार किए जाएंगे. इन भ्रूणों को पहले लैब में एक परख नली में रखा जाएगा और भ्रूण को कृत्रिम तापमान से सात दिन विकसित होने के बाद ऐसी गायों में प्रत्यारोपित किया जाएगा जो दूध कम दे रही हैं.

 

भ्रूण प्रत्यारोपण करने वाले राज्यों की प्रयोगशाला में ही पहली बार केंद्र सरकार टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी को जन्म कराने जा रही है. प्रयोगशालाओं को विकसित करने के लिए 40 करोड़ का खर्च भी आएगा.

 

कैसे जन्म लेंगे टेस्ट ट्यूब बेबी

पशु विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि देसी नस्ल की (दाता) गाय मंगवाई जाएगी जो सर्वाधिक दूध दे रही है. गाय के गर्भ से अंडे निकालकर लैब में 24 घंटे तक विकसित किए जाएंगे.

 

उसके बाद निश्चेचन उच्चगुणवत्ता के सांड़ के सीमेन से परखनली (पेट्रीडिस) में डाल दिया जाएगा. उचित माध्यम में अंडों को रखकर परखनली में सात दिनों तक विकसित किया जाएगा.

 

परखनली में चार से पांच भ्रूण तैयार कर ऐसी गायों में प्रत्यारोपित किया जाएगा, जो दूध कम दे रही हैं. इस विधि केे बाद गाय से जन्म लेने वाले बछड़े व बछिया को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है.

 

इन राज्यों में होनी है पहल

यूपी के बाराबंकी, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तरांचल, पंजाब, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश में टेस्ट ट्यूब काऊ बेबी को जन्म कराया जाएगा। इससे देसी नस्ल में बदलाव आएगा और दूध देने की क्षमता बढ़ेगी.

 

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