मुठभेड़ में मारे गए नक्सली कमांडर के अंतिम संस्कार में आंसू बहाने पहुंचे थे वरवर राव

वरवरा राव उन 5 कार्यकर्ताओं में शामिल हैं जिन्हें पुणे पुलिस ने भीमा कोरेगांव हिंसा में भूमिका होने की वजह से गिरफ्तार किया गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें घर में नजरबंद करके रखा गया है. वरवरा राव एक नक्सली कमांडर के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे जो कि पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था. एक अंग्रेजी अखबार ने सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक लिखा है कि सीपीआई (माओवादी) कमांडर के अंतिम संस्कार में राव ने शिरकत की थी. इस माओवादी कमांडर को पुलिस ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में अप्रैल में हुई मुठभेड़ में मार गिराया था.

 

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सूत्रों ने आगे बताया कि वह उस बैठक का हिस्सा थे जो सीपीआई (माओवादी) डिविजनल समिति के सदस्य कापुका प्रभाकर की पहली जयंती के मौके पर आयोजित की गई थी. कापुका को 2016 में सुरक्षाबलों ने ओडिशा के मल्कानगिरी मुठभेड़ में मार गिराया था.

 

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सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि राव के दस्तावेज बताते हैं कि वह माओवादी फ्रंट रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष और माओवादियों सहयोगियों के मुख्य समन्वयक हैं. उनकी उपस्थिति श्रीकांत उर्फ श्रीनू, दक्षिण गढ़चिरौली डिविजनल समिति के सचिव के अंतिम संस्कार में दर्ज थी. यह अंतिम संस्कार 25 अप्रैल को तेलंगाना के जयशंकर-भूपलपल्ली में हुआ था. श्रीकांत उन 38 नक्सलियों में शामिल था जिसे कि 22 अप्रैल को मार गिराया गया था. गृहमंत्रालय ने इस ऑपरेशन को बेहद सफल करार दिया था.

 

24 अक्टूबर 2017 को राव उस स्मरणोत्सव बैठक में शामिल हुए थे जिसे कि आरडीएफ, रिवोल्यूशनरी राइटर्स एसोसिएशन और तेलंगाना प्राजा फ्रंट ने कापुका प्रभाकर की पहली जयंती के मौके पर आयोजित किया था. प्रभाकर सीपीआई (माओवादी) को इसी दिन 2016 में एंटी-एलडब्ल्यूई ऑपरेशन में ओडिशा के मल्कानगिरी में मार गिराया गया था.

 

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