उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेशभर में जमीनों के सर्किल रेट का पुनरीक्षण करने जा रही है। लखनऊ सहित कई जिलों में जहां वर्षों से सर्किल रेट में बदलाव नहीं हुआ, वहां इसे प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाएगा।
37 जिलों में प्रक्रिया पूरी, अन्य जिलों में जारी
प्रदेश में एक जनवरी 2024 से अब तक 37 जिलों में जमीनों के सर्किल रेट का पुनरीक्षण हो चुका है। कुछ जिलों में यह प्रक्रिया अभी जारी है, जबकि अन्य जिलों में भी जल्द ही इसे शुरू किया जाएगा।
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इन जिलों में वर्षों से नहीं हुआ था पुनरीक्षण
लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, बागपत, इटावा, कन्नौज, हापुड़, बुलंदशहर, मेरठ, महाराजगंज, कुशीनगर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, एटा, कासगंज, मुजफ्फरनगर, बदायूं, झांसी, जालौन, ललितपुर, संत कबीरनगर, कौशांबी और प्रयागराज जैसे जिलों में वर्षों से सर्किल रेट का पुनरीक्षण नहीं हुआ था।
इन जिलों में जारी है प्रक्रिया
शामली, सहारनपुर, मीरजापुर, अलीगढ़, बांदा, हमीरपुर, आगरा, सुल्तानपुर, अमेठी और गौतमबुद्ध नगर सहित कई जिलों में वर्तमान में सर्किल रेट के पुनरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है।
कब किया जाता है सर्किल रेट का पुनरीक्षण?
उत्तर प्रदेश स्टांप (संपत्ति का मूल्यांकन) द्वितीय संशोधन नियमावली -2013 के अनुसार, जिलाधिकारी प्रत्येक वर्ष अगस्त माह में जिले की कृषि और अकृषक भूमि के न्यूनतम मूल्य की दरें निर्धारित कर सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर वे वर्ष के मध्य में भी सर्किल रेट में संशोधन कर सकते हैं।
मुख्य सचिव ने दिए निर्देश
हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जमीन के सर्किल रेट के पुनरीक्षण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। सरकार इस कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने की योजना पर काम कर रही है।