समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। सपा चीफ ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य सीनियर लीडर हैं। ये समाजवादी पार्टी के अंदर की बात है। हम इसका हल निकाल लेंगे।
मीडिया से मुखातिब हुए स्वामी प्रसाद मौर्य
वहीं, इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। अब आगे क्या करूंगा ये इस पर निर्भर करता है कि अखिलेश यादव क्या करते हैं? अब गेद उनके पाले में है।
बता दें कि अखिलेश यादव को भेजे इस्तीफे में मौर्य ने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर और डॉ. राममनोहर लोहिया समेत सामाजिक न्याय के पक्षधर महापुरुषों ने 85 बनाम 15 का नारा दिया था। लेकिन, समाजवादी पार्टी इस नारे को लगातार निष्प्रभावी कर रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बड़ी संख्या में प्रत्याशियों का पर्चा व सिंबल दाखिल होने के बाद अचानक प्रत्याशियों को बदला गया। इसके बावजूद वह पार्टी का जनाधार बढ़ाने में सफल रहे। विधानसभा के अंदर पार्टी को 45 से 110 पर पहुंचा दिया। इसके साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुद को सपा का महासचिव और एमएलसी बनाने के लिए अखिलेश यादव को धन्यवाद भी दिया।
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यही नहीं, खुद के सुझावों को न माने जाने की पीड़ा रखते हुए कहा कि जनवरी-फरवरी 2023 में उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को जातीय जनगणना समेत अहम मुद्दों पर प्रदेश में रथयात्रा निकालने का सुझाव दिया था। लेकिन, इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। यही नहीं, इस्तीफे में मौर्य ने कई अन्य बातों का भी जिक्र किया है।
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