समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वह लंबे समय से मुरादाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में एडमिट थे। सांसद के पोते जियाउर्रहमान बर्क ने ब ताया कि उनके दादा की तबियत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें मुरादाबाद के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ। मंगलवार की सुबह उन्हें आईसीयू में ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
60 साल से ज्यादा का था बर्क का सियासी सफर
बता दें कि चार बार के विधायक और चार बार सांसद रह चुके डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क 2019 में पांचवी बार सांसद चुने गए थे। अपने सियासी तेवर की वजह से उनकी अलग पहचान रही है। वह बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक रह चुके थे। मुस्लिमों के मुद्दों को उठाने और वंदे मातरम् पर अपने बयानों की वजह से राजनीति में चर्चित रहे बर्क एक बार फिर सपा की सियासत में बड़ा चेहर बनकर उभरे। उनका सियासी सफर 60 साल से ज्यादा का था।
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बर्क ने साल 1967 में संभल विधानसभा क्षेत्र से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बर्क को 1974 के विधानसभा चुनाव में पहली बार जीत मिली थी और वह बीकेडी से विधायक चुने गए। इसके बाद 1977 में जनता पार्टी और 1985 में लोकदल, 1989 में जनता दल से विधायक बने। एक बार मुलायम सिंह यादव की सरकार में होमगार्ड विभाग के मंत्री भी रहे। संसद में उन्होंने 1996 में कदम रखा।
जनता दल के टिकट पर वर्ष 1996 के चुनाव में मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। इसके बाद वर्ष 1998 और 2004 में मुरादाबाद संसदीय सीट से सपा के सांसद चुने गए। वहीं, साल 2009 में संभल लोकसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा और चौथी बार सांसद बने। इसके बाद 2014 में उन्होंने समाजवादी पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन कुछ वोटों से हार का सामना करना पड़ा। वहीं, साल 2019 में सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन से उन्होंने चुनाव में जीत दर्ज की और पांचवी बार सांसद बने।
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