संभल हिंसा: सपा डेलिगेशन पर रोक को लेकर अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशाना, की ये मांगें

राजधानी लखनऊ में शनिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं को संभल जाने से रोकने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इसे भाजपा सरकार की प्रशासनिक नाकामी बताया।

संभल जाने पर रोक को बताया नाकामी

अखिलेश यादव ने लिखा, ‘संभल जाने पर प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की असफलता का सबूत है। यदि सरकार पहले ही उन पर प्रतिबंध लगाती, जो दंगा-फसाद करवाने का सपना देख रहे थे और उन्मादी नारे लगवा रहे थे, तो संभल में सौहार्द और शांति का माहौल बिगड़ता ही नहीं।’

‘भाजपा हार चुकी है’

सपा मुखिया ने यह भी लिखा कि भाजपा सरकार को चाहिए कि संभल में प्रशासनिक विफलता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड करे। उन्होंने मांग की, “जैसे भाजपा अपनी पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देती है, वैसे ही संभल में शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक के पूरे प्रशासनिक मंडल को निलंबित करे। लापरवाही के आरोप में कार्रवाई हो, दोषियों को बर्खास्त किया जाए, और किसी की जान लेने के आरोप में मुकदमा भी चलाया जाए।’ अखिलेश ने अपने पोस्ट के अंत में लिखा, ‘भाजपा हार चुकी है।’

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संभल जाने वाला था सपा डेलिगेशन

गौरतलब है कि सपा का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में संभल जाने वाला था। डेलिगेशन का उद्देश्य हिंसा प्रभावित लोगों से मिलकर जानकारी जुटाना और इसे सपा प्रमुख के साथ साझा करना था।

हालांकि, सपा नेताओं के रवाना होने से पहले ही पुलिस ने उनके घरों के बाहर तैनाती कर दी और उन्हें रोक दिया। सपा ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की।

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