संभल हिंसा: सपा प्रतिनिधिमंडल को रोका, नेता प्रतिपक्ष बोले- ‘मुझे कहीं भी जाने का अधिकार’

संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा (Sambhal Violence) का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने हिंसा की जानकारी जुटाने के लिए एक 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल (Samajwadi Party Delegation) भेजने की घोषणा की है, जिसमें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय (Mata Prasad Pandey) भी शामिल हैं। हालांकि, खबर है कि नेता प्रतिपक्ष को संभल जाने से रोका गया है।

मुझे कहीं भी जाने का अधिकार: माता प्रसाद

नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा, ‘संविधान मुझे कहीं भी जाने का अधिकार देता है। नियमानुसार मुझे लिखित रूप से नोटिस देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पुलिस को मेरे आवास के बाहर तैनात कर दिया गया है। न्याय आयोग और मीडिया वहां जा सकते हैं, तो हमें क्यों रोका जा रहा है? यह सरकार अपने कार्यों को छिपाने की कोशिश कर रही है।’

डीएम ने कॉल कर रोका

माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि संभल के जिलाधिकारी ने फोन कर उन्हें वहां न आने का अनुरोध किया है। उन्होंने सवाल किया, ‘क्या हमारे जाने से कोई अशांति होगी? हमें किसी को भड़काने की जरूरत नहीं है। सरकार का यह रवैया लोकतंत्र के खिलाफ है।’

सपा डेलिगेशन शनिवार को जाएगा संभल

इससे पहले, उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन देकर सपा प्रतिनिधिमंडल को अपना दौरा स्थगित करने को कहा था। हालांकि, सपा ने अब शनिवार, 30 नवंबर को मौके पर जाने की घोषणा की है।

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सरकार पर तीखा हमला

नेता प्रतिपक्ष ने हिंसा को लेकर प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का पालन नहीं किया जा रहा है। घटना के दिन जियाउर्रहमान संभल में मौजूद नहीं थे। पुलिस अपने बचाव के लिए मनगढ़ंत बयान दे रही है। भाजपा सरकार संविधान और लोकतंत्र में विश्वास नहीं करती है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव को इस घटनाक्रम की पूरी जानकारी दी जाएगी। सपा ने आरोप लगाया है कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।

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