Sawan 2025: सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और इस वर्ष यह 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है। यह महीना भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। भक्तगण श्रद्धा और समर्पण के साथ इस महीने में पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस वर्ष सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ रहा है, जो शिवभक्तों के लिए खास दिन होता है।
सावन में किन खाद्यों से बचें
सावन के पवित्र महीने में तामसिक और अशुद्ध भोजन से बचना चाहिए। खासकर लहसुन, प्याज, मांस, अंडे आदि का सेवन वर्जित है क्योंकि ये पदार्थ भोग-वासनाओं को बढ़ाते हैं और भक्ति में बाधा डालते हैं। इसके अलावा, सावन में कच्चा दूध पीने से भी परहेज करना चाहिए क्योंकि यह भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। इसके अलावा, बैंगन और दही-कढ़ी खाने से भी इस महीने में बचना जरूरी है।
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सावन में अपनाएं ये शुभ आचरण
सावन के दौरान सुबह जल्दी उठकर मंदिर की सफाई करें और नियमित रूप से शिव मंदिर में जाकर पंचामृत (दूध, जल, घी, दही, शहद) से शिवजी का अभिषेक करें। इस समय ब्रह्मचर्य का पालन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। साथ ही, जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा करें, गरीबों को भोजन करवाएं और धार्मिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी लें। यह महीना आध्यात्मिक उन्नति का समय होता है।
सावन में क्या न करें – खास सावधानियां
इस महीने में शिव पूजा में हल्दी का उपयोग न करें और केतकी के फूल चढ़ाने से बचें क्योंकि इन्हें शिवजी को प्रिय नहीं माना जाता। साथ ही, मदिरा का सेवन पूरी तरह वर्जित है। सावन में किसी के साथ गलत व्यवहार करना या नकारात्मक बातें फैलाना भी अनुचित है। यह महीना शुद्धता और संयम का है, इसलिए तामसिक चीजों से दूर रहना आवश्यक है।
सावन में व्यक्तिगत अनुशासन
सावन के दौरान न केवल भोजन और पूजा में बल्कि अपनी दिनचर्या और व्यवहार में भी संयम बरतना चाहिए। बाल या दाढ़ी-मूंछ कटवाने से परहेज करना शुभ माना जाता है क्योंकि यह भी धार्मिक अनुशासन का हिस्सा है। कुल मिलाकर, सावन में आत्मशुद्धि और समर्पण के साथ जीवन बिताना चाहिए ताकि भगवान शिव की कृपा बनी रहे।