Shardiya Navratri 2024: आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. नवरात्रि के इन नौ दिनों में लोग मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा आराधना करते हैं. मान्यता है कि नवरात्र के दिनों में सच्चे मन से जो भी मां दुर्गा की पूजा करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. इस बार 03 सितंबर, सोमवार से मां आदिशक्ति की उपासना का ये पावन पर्व आरंभ होगा और इसका समापन 12 अक्टूबर को होगा. पुराणों में देवी मां की पूजा के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करने से माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. नवरात्रि में कौन कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें करना चाहिए और कुछ काम ऐसे भी हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए, आज इसी बारे में हम आपको बताने जा रहे है.
नवरात्रि में क्या करें, क्या न करें ?
– नवरात्रि के नौ दिनों तक रोजाना सुबह नहाकर पूजा स्थान और घर की अच्छे से सफाई करें.
– देवी मां को लाल रंग काफी पसंद है इसलिए नवरात्रि के नौ दिनों में देवी मां को लाल रंग के फूल अर्पित करें.
– नवरात्रि के नौ दिनों तक माता को लाल चुनरी ही चढ़ाएं और साथ में लाल रंग की चूड़ी अर्पित करें.
– नवरात्रि के नौ दिनों तक माता के अलग-अलग रूपों की पूजा करें और उन्हें उनका मनपसंद भोग लगाएं.
– नवरात्रि के नौ दिनों तक जहां आपने अखंड ज्योत जलाई है उसके सामने दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें इससे माता रानी खुश होंगी.
– नवरात्रि में लहसुन-प्याज वाले खाने का सेवन ना करें और ना ही शराब आदि का सेवन करें.
– जो लोग व्रत करें वह लोग जमीन पर सोएं क्योंकि कुछ मान्यताओं के मुताबिक, व्रत वाले लोगों को चारपाई पर सोना वर्जित माना जाता है.
– नवरात्रि के नौ दिनों तक अपने मन में किसी भी प्रकार का द्वेष ना लाएं और मन, वचन और कर्म भी शुद्ध रखें.
– नवरात्रि के दिनों में अगर हो सके तो घर में कलश स्थापना के साथ अखंड ज्योति जरूर प्रज्जवलित करें.
– रोजाना सुबह उठकर घर की साफ-सफाई करने के बाद मंदिर की सफाई करें और गंगा-जल से शुद्ध करें. इसके बाद विधि-विधान से पूजा करें.
– लाल रंग के फूल चढ़ाएं और फिर उसके बाद माता रानी को लाल रंग के वस्त्र पहनाएं. सुहाग का सामान, साड़ी, चुनरी आदि अर्पित करें.
– पूजन अर्चन के बाद दुर्गा चालीसा, दुर्गासप्तशती और देवीभागवत पुराण का पाठ करें.
– हो सके तो नौ दिन तक नवरात्रि का व्रत रखें. व्रत में फलहार कर सकते हैं या फिर एक समय भोजन भी कर सकते हैं. जो लोग नौ दिनों का व्रत नहीं कर सकते वे लोग पहले दिवस और अष्टमी तिथि का उपवास करें.
– नवरात्रि में सात्विक भोजन और ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें जो कि पुराणों में भी बताया गया है.
– नवरात्रि में माता के पूजा अर्चन के बाद कन्या भोज का भी काफी महत्व है.
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