हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सरकार ने वाराणसी के अधिवक्ता शिवेंद्र द्विवेदी (Advocate Shivendra Dwivedi) को सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश का अतिरिक्त महाधिवक्ता (Additional Advocate General) नियुक्त किया है। इस पद पर रहते हुए वे सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश सरकार से जुड़े मामलों की पैरवी करेंगे।
देवेंद्र नाथ द्विवेदी के पुत्र हैं शिवेंद्र द्विवेदी
वाराणसी के रामापुरा निवासी शिवेंद्र द्विवेदी, भारत के पूर्व अतिरिक्त महान्यायाधिवक्ता और गुजरात के राज्यपाल रहे देवेंद्र नाथ द्विवेदी के पुत्र हैं। देवेन्द्र नाथ द्विवेदी 1974 से 1980 तक कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य थे। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहाराव के कार्यकाल में वह पार्टी महासचिव भी रहे। देवेंद्र नाथ द्विवेदी को गुजरात के राज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया, लेकिन 1 अगस्त 2009 को 74 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया, इससे पहले कि वे औपचारिक रूप से गुजरात के राज्यपाल का पद संभाल पाते।
शिवेंद्र द्विवेदी को 20 सालों से ज्यादा का अनुभव
शिवेंद्र द्विवेदी को कानूनी क्षेत्र में 20 वर्षों से ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने सिविल और क्रिमिनल मामलों, विवादों के समाधान और व्यापारिक मामलों में काम किया है। वे भारत के बार काउंसिल और सुप्रीम कोर्ट व दिल्ली हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन के सदस्य हैं।
उनका खास ध्यान संवैधानिक मामलों, चुनाव कानून, जल विवाद, भूमि अधिग्रहण और सफेदपोश अपराधों पर रहा है। इनमें मनी लॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) और गैरकानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम (यूएपीए) जैसे कानून शामिल हैं।
वे पहले भी हरियाणा सरकार के लिए सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता रह चुके हैं और भारत सरकार के पैनल वकील भी रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने कई सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) के मामलों की पैरवी विभिन्न अदालतों और ट्रिब्यूनलों में की है।
Also Read: Ambedkar Jayanti: सीएम योगी ने डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अर्पित की श्रद्धांजलि
अपनी नियुक्ति पर अधिवक्ता द्विवेदी ने सरकार का धन्यवाद किया और कहा कि उनकी मेहनत, ईमानदारी और पेशे के प्रति निष्ठा को पहचानने के लिए वे आभारी हैं। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि वे पूरी लगन और निष्ठा से हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने पद की गरिमा और वकीलों व न्यायपालिका के सम्मान की रक्षा करेंगे।
देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं.