उत्तर प्रदेश के सीतापुर (Sitapur) जनपद में मछरेहटा थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने शुक्रवार की सुबह खुद को सरकारी पिस्टल से गोली मार ली। आनन-फानन में घायल सब इंस्पेक्टर को मछरेहटा सीएचसी पहुंचाया गया, जहां हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहीं, जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने सब इंस्पेक्टर को मृत घोषित कर दिया। अब दारोगा का एक पत्र (Sub Inspector Letter) सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एसएचओ पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
एसपी ने कहा- दारोगा ने बेटे को भेजा था ये पत्र
इस पत्र को कुछ लोग दारोगा का सुसाइड नोट बता रहे हैं। वहीं, एसपी चक्रेश मिश्र का कहना है कि सुसाइड नोट अब तक किसी को मिला नहीं है। संबधित पत्र दारोगा ने अपने बेटे को व्हाट्सएप किया था। दारोगा के परिवार के साथ पूरा विभाग खड़ा है। बता दें कि इस पत्र में थानाध्यक्ष राज बहादुर पर अवैध वसूली जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें कई अन्य पुलिसकर्मियों के नाम का भी जिक्र किया गया है।
सीतापुर
दारोगा की मौत के बाद सुसाइड नोट आया सामने
सुसाइड से पहले SHO पर लगाये गंभीर आरोप
➡बिना रुपये लिए मछरेहटा के SHO नहीं करते थे कोई काम
➡मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर खुद को मारी गोली
➡सुसाइड नोट सामने आने के बाद SP ने गठित की कमेटी
➡मछरेहटा थाने में तैनात थे दारोग मनोज pic.twitter.com/WY0ZFp2B3r— ⚔️ Dr. Suraj Pratap Singh🇮🇳 ⚔️ (@loveindia33) April 12, 2024
दारोगा ने पत्र में कही ये बात
दारोगा ने पत्र में लिखा कि श्रीमान जी आप सभी जनमानस को हम जानकारी देते हैं कि जो भी कर्मी निष्ठा लगन से जितना भी कार्य और ड्यूटी करे, अगर वह अपने अधिकारियों को हर महीने उनको चढ़ावा न करे तो सब बेकार है। ऑफिस और कार्यालय के लोगों को समझना पड़ता है। थाना मछरेहटा के एसएचओ राज बहादुर सिंह जब से आए हैं, तब से सभी कर्मचारी परेशान हैं। यह सभी विवेचनाओं में रुपयों की मांग करते हैं।
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दारोगा ने आगे लिखा कि सीडी सामने प्रस्तुत करने पर हस्ताक्षर बनाते हैं, अन्यथा दफ्तर में रखी रहती है। थाने के अबूहादी, रंजीत यादव, शाने आलम, सुनील और अन्य लोग थाने पर मामले से सम्बंधित व्यक्तियों से मामला निस्तारण में रुपये ऐंठ कर थाना इंचार्ज को देते हैं। अभियान के दौरान घर पर सोते बिना अपराध करने व्यक्ति और महिलाओं को अवैध शराब, शस्त्र अधिनियम और एनडीपीएस में बंद करवाते हैं। अगर बंद न करो तो अभद्र टिप्पणी करते हैं। हमारे खिलाफ साजिश करके हमको नौकरी से हटाने की मंशा बनाए हैं।
दारोगा ने लिखा कि ईमानदार व्यक्ति की पुलिस में इज्जत नहीं है। जिस ऑफिस में रुपये खर्च न करो, तो कुछ कार्य नहीं होने की विवेचना में बरामदगी और अभियुक्त की गिरफ्तारी में किसी भी अधिकारी ने सहयोग नहीं किया। अकेले ही पता लगाते रहे। वहीं, एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि प्रकरण की हर पहलू से जांच की जा रही है।