पूरे देश को दहला देने वाले मुंबई आतंकी हमले को आज 10 साल पूरे हो गए है. 10 साल पहले 2008 में आज ही के दिन पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैएबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को खून से रंग दिया था. इस हमले में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. 10 आतंकवादियों में से सिर्फ अजमल कसाब नाम का एक आतंकी जिंदा पकड़ में आया था. आतंकियों ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी रेलवे स्टेशन ताज होटल, होटल ओबेरॉय, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल जैसे प्रमुख जगहों को निशाना बनाया था.
मुंबई हमले में दोषी आतंकी अजमल कसाब को जेल की सलाखों के पीछे रखने में महाराष्ट्र सरकार करीब पचास करोड़ रुपये का खर्च कर चुकी थी, लेकिन उसकी फासी पर केवल पचास रुपये का ही खर्च हुआ. ऐसा हम नहीं बल्कि हमारे देश का कानून कहता है. जिसके मुताबिक किसी अपराधी को फासी देने के लिए बजट में केवल पचास ही रुपये का ही प्रावधान है.
मुंबई हमलों में एकमात्र पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब पर सरकार रोज करीब 3.5 लाख रुपये खर्च कर रही थी. इसमें कसाब का खाना, सुरक्षा, स्पेशल सेल, वकील का खर्च शामिल था.
2012 में प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक कसाब और उसकी सुरक्षा में लगे लोगों के खाने-पीने पर अब तक 34,975 रुपये और मेडिकल पर 28,066 रुपये खर्च हुए थे. इसी तरह उसे जिस जेल में रखा गया था, उसे बम व बुलेट प्रुफ बनाने में करीब 5 करोड़ 25 लाख रुपये खर्च हुए थे.
इसके अलावा महाराष्ट्र पुलिस के जो अधिकारी व कर्मचारी कसाब की सुरक्षा में तैनात थे. उनके वेतन पर 1,22,18,406 रुपये सरकार ने खर्च किये हैं. इन सबक के अलावा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान भी कसाब की सुरक्षा में दिन-रात तैनात किए गए थे. इन पर कुल 19 करोड़ 28 लाख रुपये का खर्च आया है.
गौरतलब है कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर 26 नवंबर 2008 की रात को दस पाकिस्तानी आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया था. समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे इन आतंकियों ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ताज महल होटल, ट्राइडेंट होटल, कामा अस्पताल के भीतर व बाहर सैकड़ों मासूम लोगों को गोलियों से भूना था. 10 आतंकियों में से एक आतंकी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया था.
हालाकि उसे मुंबई की विशेष अदालत के साथ-साथ मुंबई हाईकोर्ट ने भी 26/11 के आत्मघाती हमले का दोषी करार देते हुए फासी की सजा सुनाई थी.
Also Read: यूपी में अधिकारी नहीं जानते कौन है ‘अजमल कसाब’, जारी कर दिया उसके नाम ‘निवास प्रमाण-पत्र’
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )