सोनिया गांधी ने बरेली की दरगाह आला हजरत के लिए ‘चादर’ भेजी

कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बरेली (Bareilly) शरीफ (दरगाह-ए-आला हजरत) के 101वें सालाना उर्स के लिए अपनी ओर से चादर भेजी है. पार्टी की अल्पसंख्यक इकाई के अध्यक्ष नदीम जावेद के नेतृत्व में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक शिष्टमंडल ने सोनिया से मुलाकात की जिस दौरान सोनिया ने चादर भेंट की.


इस शिष्टमंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर, सलमान खुर्शीद, हरीश रावत, जितिन प्रसाद, हारून यूसुफ तथा कई अन्य नेता शामिल थे. बाद में तारिक अनवर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी की यह परंपरा रही है कि उसने हमेशा से सबको साथ लेकर और सब को विश्वास में लेकर देश की प्रगति, एकता, शांति और उन्नति के लिए काम किया है. देश में शांति और विकास की दुआ के साथ यह चादर भेजी गई है.’’


वहीं कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष के चादर चढ़ाने पर सवाल उठने लगे हैं. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत पटेल उमराव ने सवाल उठाए हैं. बुधवार को उन्होने ट्वीट कर लिखा, सोनिया गांधी नें बरेली की दरगाह में हरी चादर भेजी है. उसी दरगाह का मौलाना सैयद कैफ़ी अली रिजवी #KamleshTiwari के हत्यारों को मदद करने पर गिरफ्तार हुआ है. हिंदुओं द्वारा हरे चादर पर फेंका गया एक-एक सिक्का और मजार-दरगाह पर चढ़ावा हमारे ही विरुद्ध आतंक में प्रयुक्त होता है.


https://twitter.com/ippatel/status/1187061012756750336?s=20

बता दें कि इन दिनों बरेली की दरगाह आला हजरत कमलेश तिवारी हत्याकांड को लेकर इन दिनो चर्चा में है. दरगाह आला हजरत के मौलाना मौलाना सैय्यद कैफी अली रिजवी को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है. मौलाना पर आरोप है कि उसने ही घायल हत्यारे की बरेली में मरहम-पट्टी करायी थी. एसआईटी को शक है कि हत्यारों को आगे की यात्रा के लिए पैसा भी मुहैया कराया है. मौलाना सूरत के साजिशकर्ता के संपर्क में मौलाना कैसे आया, उसकी क्या बातचीत हुई उन्होंने किस तरह से मदद की. इसका पता लगाया जा रहा है कि उसके साथ बरेली में और कौन कौन लोग शामिल हैं. एटीएस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है.


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