संभल की जामा मस्जिद में मंदिर होने के मिले प्रमाण!, सर्वे रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद के अंदर किए गए सर्वे की एडवोकेट कमीशन रिपोर्ट (Sambhal Shahi Jama Masjid Survey Report) अब कोर्ट में पेश कर दी गई है। इस रिपोर्ट में मस्जिद में मंदिर होने के संकेत मिलने का दावा किया गया है, साथ ही कई संरचनाओं और विशेषताओं को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, शाही जामा मस्जिद के अंदर दो वट वृक्ष पाए गए हैं, जिन्हें आम तौर पर हिंदू धर्म के मंदिरों में पूजा जाता है। इसके अलावा मस्जिद में एक कुंआ भी है, जो आंशिक रूप से अंदर और बाहर दोनों हिस्सों में फैला हुआ है, और बाहर वाले हिस्से को ढक दिया गया है।

सर्वे रिपोर्ट में महत्वपूर्ण संकेत
इस सर्वे को एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत में पेश किया। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मस्जिद के गुम्बद के हिस्से को समतल कर दिया गया है और पुराने ढांचे को बदलने के संकेत भी मिले हैं। इसके अलावा, जहां मंदिर के आकार की संरचना पाई गई थी, वहां प्लास्टर चढ़ाकर पेंट किया गया है।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि मस्जिद के बड़े गुम्बद पर झूमर को तार से बांधकर एक चेन से लटकाया गया है, जो आमतौर पर मंदिरों में घंटी के रूप में उपयोग होती है। इसके साथ ही मस्जिद के अंदर बने मंदिर के दरवाजों, झरोखों और अलंकृत दीवारों पर भी प्लास्टर चढ़ाकर पेंट कर दिया गया है, जिससे पुरानी संरचनाएं छिप गई हैं।

विवाद और हिंसा का कारण
यह मामला तब से चर्चा में है, जब अदालत के आदेश पर 19 नवंबर 2024 को कोट गर्वी इलाके में स्थित शाही जामा मस्जिद का सर्वे किया गया। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दावा किया था कि जिस स्थान पर मस्जिद बनी है, वहां पहले हरिहर नाथ मंदिर था। इसके बाद 24 नवंबर को जब मस्जिद के दूसरे सर्वे के लिए टीम पहुंची, तो हिंसा भड़क उठी, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस घटना के बाद से पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़ी कार्रवाई की है।

Also Read: भ्रष्टाचार पर डिप्टी सीएम का जीरो टॉलरेंस, अयोध्या मेडिकल कॉलेज के दागी प्रिंसिपल को हटाया

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )