विश्वविद्यालय में टैबलेट पाकर पीजी एवं पीएचडी छात्रों के खिले चेहरे

मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में टैबलेट वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में आयोजित कार्यक्रम में 41 शोध छात्र और 103 स्नातकोत्तर (पीजी) छात्रों को टैबलेट वितरित किए गए। टैबलेट प्राप्त कर छात्रों के चेहरे खुशी से खिल उठे और वे आपस में टैबलेट के उपयोग को लेकर चर्चा करते नजर आए। यह योजना छात्रों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से चलाई जा रही है और अब तक विश्वविद्यालय के कुल 1216 पीजी और पीएचडी छात्रों को इस योजना के तहत टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव उपस्थित रहे, जबकि इसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने की। इस अवसर पर प्रति-कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी एवं डीएसडब्ल्यू प्रो. अनुभूति दूबे सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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मुख्य अतिथि डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने लाभार्थी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को साकार करने में इस तरह की योजनाएँ अत्यंत सहायक हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे टैबलेट का उपयोग अपनी शिक्षा को उन्नत करने के लिए करें और तकनीक का सदुपयोग करें। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल उपकरणों का उपयोग करते समय छात्रों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए और स्क्रीन समय को संतुलित रखना चाहिए ताकि इसका कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस योजना से छात्रों की डिजिटल साक्षरता में वृद्धि होगी और वे तकनीक के माध्यम से नए आयाम स्थापित कर सकेंगे।

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के माध्यम से छात्रों को डिजिटल शिक्षा का सीधा लाभ मिल रहा है। विश्वविद्यालय इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध रहा है और इस सत्र में लगभग सभी पात्र छात्रों को इसका लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्र अधिक आत्मनिर्भर बनेंगे।

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प्रति-कुलपति प्रो. शांतनु रस्तोगी ने कहा कि तकनीकी संसाधनों की उपलब्धता से विद्यार्थियों की शिक्षा अधिक प्रभावी होगी। उन्होंने इस योजना को विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने और उनकी बौद्धिक क्षमता को और अधिक विकसित करने में सहायक बताया।

डीएसडब्ल्यू प्रो. अनुभूति दूबे ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह योजना छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि डिजिटल उपकरणों की सहायता से छात्र अपने अध्ययन को और अधिक उन्नत बना सकेंगे तथा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी शिक्षा को सुगमता से जारी रख सकेंगे।

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कार्यक्रम का संचालन डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने किया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रो. धनंजय कुमार ने किया। इस दौरान विश्वविद्यालय के प्रो. सुनीता दुबे, प्रो. विनीता पाठक, नोडल अधिकारी मनीष श्रीवास्तव, डॉ. मनीष पांडेय, डॉ. प्रियंका गौतम, डॉ. साजिद सहित अन्य शिक्षाविद और अधिकारी भी उपस्थित रहे।

इस योजना के तहत छात्रों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उनकी शिक्षा को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है। छात्रों ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि टैबलेट मिलने से उनकी पढ़ाई और शोध कार्य में काफी सुविधा होगी।

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