Sharad Purnima: आज है शरद पूर्णिमा, इन बातों का ध्यान रखने से बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

 

ऐसे तो हर महीने में पूर्णिमा आती है, लेकिन अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा महत्व है. इस दिन को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. शरद पूर्णिमा के दिन प्रेम और कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण श्री कृष्ण ने महारास रचाया था. इतना ही नहीं धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. शरद पूर्णिमा पर कुछ सावधानियों और नियमों का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस बार शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर यानी आज है.

शरद पूर्णिमा पर बरतें ये सावधानियां

1. शरद पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन ना करें. इस दिन लहसुन, प्याज का सेवन भी निषेध माना गया है. उपवास रखें तो ज्यादा बेहतर होगा.

2. शरीर के शुद्ध और खाली रहने से आप ज्यादा बेहतर तरीके से अमृत की प्राप्ति कर पाएंगे.

3. इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें. और न ही काले रंग के कपड़े पहनें. चमकदार सफेद रंग के वस्त्र धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा.

4. शरद पूर्णिमा पर चांद की रोशनी में रखी खीर खाने का विशेष महत्व बताया गया है. खीर को कांच, मिट्टी या चांदी के पात्र में ही रखें. अन्य धातुओं का प्रयोग न ही करें.

5. शरद पूर्णिमा के दिन घर में किसी तरह का झगड़ा और आपसी कलह नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से घर में दरिद्रता का वास होने लगता है.

पूजा -विधि-

इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है. आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं. नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें.

नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.

अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.

सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.

पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है.

इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें.

भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है.

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें.

इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें.

पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है.

चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें.

चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है.

इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें.

अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं. गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है.

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