मुकेश कुमार संवाददाता गोरखपुर । चिकित्सा विश्वविद्यालय कोलकाता के पूर्व कुलपति, अपोलो मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल कोलकाता के वरिष्ठ कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जन डॉ. भबातोष विश्वास ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तपस्यारत योजनाओं, स्वच्छता, सुरक्षा, तकनीक और सुव्यवस्था के फलस्वरुप प्रयागराज महाकुंभ 2025 को युगों-युगों तक याद किया जाएगा। एक तपस्वी नेतृत्व ने इस महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन सिद्ध कर दिया है। दिव्य, नव्य, और भव्य यह महाकुंभ सनातन संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का उत्कृष्ट प्रतीक बन गया है।
डॉ. विश्वास रविवार को महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड़ के कला संकाय के तत्वावधान में ‘महाकुंभ 2025 : परम्परा, अनुष्ठान और महत्ता’ विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन समापन सत्र (समारोप) को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें प्रयागराज महाकुंभ महोत्सव में सम्मिलित होने और गंगा, यमुना और सरस्वती की पावन त्रिवेणी में डुबकी लगाने का सुअवसर प्राप्त हुआ। यथार्थ में आधुनिक दौर में अनादिकाल से चली आ रही सनातन परंपरा के वैभव का चरमोत्कर्ष है प्रयागराज महाकुंभ। सनातन धर्म, मनुष्यता का ही पर्याय है और मनुष्यता की विभिन्न धाराओं की एकसूत्रता का केंद्र महाकुंभ है। यहां जाति, वर्ण, वर्ग और धार्मिक उपेक्षाएं संगम की पवित्र जलधारा में बह जाती हैं।
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तपस्वी नेतृत्व ने महाकुंभ को बनाया दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन : डॉ. भबातोष विश्वास
सीएम योगी के कुशल प्रबंधन से महाकुंभ की दिव्यता से परिचित हुई नई पीढ़ी
डॉ. विश्वास ने यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कुशल प्रबंधन ही है कि नई पीढ़ी भी महाकुंभ की दिव्यता और पवित्रता से परिचित हुई है। दुनिया भर के लोग यहां आने को आतुर दिखे। महाशिवरात्रि के स्नान पर्व से तीन दिन पूर्व ही प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या 60 करोड़ से अधिक हो चुकी है। वर्ष 2025 का महाकुंभ न केवल कल्पनाओं से परे है बल्कि इसने उत्तर प्रदेश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की गति को और भी तीव्रतम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस महाकुंभ से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को करीब तीन लाख करोड रुपये का बूस्टर डोज मिलना अनुमानित हैं। इस महाकुंभ से छोटे बड़े हर किसी को फायदा होगा।
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समूचा संसार खुले दिल से कर रहा सीएम योगी की प्रशंसा
डॉ. विश्वास ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में पूरी दुनिया ने देखा कि एक संवेदनशील और सक्षम सरकार जनभागीदारी और जनविश्वास के साथ बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना किस तरह कर सकती है। आज समूचा संसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में इस आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश की खुले दिल से प्रशंसा कर रहा है। देश-विदेश, जहां कहीं से कोई प्रयागराज महाकुंभ में आया, वह यहां की शानदार व्यवस्था का कायल हुए बिना नहीं रह सका। महाकुंभ के विविध आयामों पर प्रकाश डालते हुए डॉ. विश्वास ने कहा कि भारत की सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक एकता और दिव्यता की अनुपम अभिव्यक्ति महाकुंभ मे दिखाई देता है। महाकुंभ पर्व एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे विभिन्न संस्कृति और पृष्ठभूमि के लोग एकजुट होकर आध्यात्मिक एवं सामाजिक उद्देश्य को पूरा करते हैं। महाकुंभ पर्व यह भी दिखाता है कि कैसे हजारों वर्ष पुरानी आस्थाएं न केवल धार्मिक जीवन को, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय जीवन को भी प्रभावित करती है। महाकुंभ वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश देता है। महाकुंभ में अपने तीन दिन के प्रवास अनुभव को बताते हुए कहा कि सुव्यवस्थित सुशासन का यह अद्वितीय उदाहरण है,इसमें सहभागिता से भारत दर्शन जैसा लगता है, यहां लघु भारत उपस्थित हो जैसे।
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महाकुंभ मानव इतिहास के सर्वाधिक पुरानी परंपराओं में से एक : प्रो. हर्ष सिन्हा
समारोप के विशिष्ट अतिथि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में रक्षा अध्ययन विभाग के आचार्य प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने कहा कि महाकुंभ पर्व मानव इतिहास के सर्वाधिक पुरानी परंपराओं में से एक है। किसी बहती नदी और जीवंत संस्कृति सा यह भी प्रवाहमान और जागृत है। महाकुंभ के अर्थशास्त्र को रेखांकित करते हुए प्रो. सिन्हा ने कहा कि आस्था, आर्थिकी और रोजगार में किस प्रकार सहायक हो सकती है, इस महाकुंभ ने इसे आसानी से समझाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आस्था के सम्मान के साथ अर्थव्यवस्था में इसके योगदान को समुचित महत्व दिया है। इसके चलते प्रयागराज में 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में होने वाली आर्थिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप राज्य सरकार को 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। वित्तीय लेनदेन करीब तीन लाख करोड़ से अधिक होने की संभावना है। 2019 के अर्धकुंभ में करीब सवा लाख करोड़ रुपये का वित्तीय लेनदेन हुआ था। उन्होंने कहा कि महाकुंभ की एक महत्वपूर्ण बात यह भी होगी कि डिजिटल लेनदेन पर बहुत अधिक जोर दिखा है। इस डिजिटल लेनदेन से गैर-संगठित क्षेत्र के लोगों की ऋण क्षमता बढ़ने से बैंकिग क्षेत्र की व्यवस्था भी मजबूत होगी। होटल, रेस्तरां, परिवहन सेवाएं और टूर सर्विस प्रदाताओं के साथ-साथ क्षेत्रीय हस्तशिल्प, कला और व्यंजनों के लिए बाजार से जुड़े लाखों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सुनिश्चित हुआ। प्रो. सिन्हा ने कहा कि इस आयोजन से स्ट्रीट वेंडर, शिल्पकार और दुकानदार आदि 45 दिनों में ही आठ महीने से अधिक की आय आसानी से अर्जित कर लेगें। सीआइआइ की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के कुंभ में विभिन्न क्षेत्रों में छह लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला था। इस बार यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार महाकुंभ की तैयारियों में लगभग 45 हजार परिवारों को रोजगार मिल चुका है।
अनेकता में एकता का शाश्वत व समेकित जयघोष है महाकुंभ : डॉ. ओमजी उपाध्याय
समापन सत्र में एक अन्य विशिष्ट अतिथि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. ओमजी उपाध्यायने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ और ‘समावेशी भारत’ की जीवंत झांकी के रूप में प्रतिष्ठित हुआ है। बहुपंथीय, बहु सांस्कृतिक, बहुभाषीय भारत की अनिर्वचनीय सनातन परंपरा का वाहक महाकुंभ अनेकता में एकता का शाश्वत और समेकित जयघोष है। वैदिक और पौराणिक आख्यानों के उद्धरण से डॉ. उपाध्याय ने महाकुंभ को धरती पर लगने वाला सबसे विशाल आध्यात्मिक मेला बताया और कहा कि यूनेस्को द्वारा महाकुंभ मेले को मानव जाति की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दिए जाने के बाद से यह आयोजन विश्व के लोगों के लिए और आकर्षण का केंद्र बन गया है। महाकुंभ दुनिया के तर्कजीवियों के लिए भी सदैव शोध एवं जिज्ञासा का विषय रहता है कि कैसे बिना निमंत्रण के ही इतने अधिक लोग एक साथ एक जगह एकत्रित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता ने प्रयागराज महाकुंभ को वैश्विक विहंगम तो बनाया ही है, यहां जन, सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकार के आयाम भी अद्भुत हैं। महाकुंभ में डिजिटल तकनीक के साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर है। यहां करीब पांच सौ पर्यावरण संरक्षण संस्थाएं गंगा और महाकुंभ की स्वच्छता और निर्मलता बनाए रखने के लिए ‘हर घर से एक थैला, एक थाली’ द्वारा हरित कुंभ में लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आधुनिक तकनीक का प्रयोग केवल भीड़ को सुचारु रूप से प्रबंधित करने और सुरक्षा आदि के लिए ही नहीं किया जा रहा है, बल्कि ग्यारह भाषाओं में एआइ संचालित चैटबोट महाकुंभ की समस्त आवश्यक जानकारी भी उपलब्ध करा रहा है। महाकुम्भ को प्राचीन संदर्भों के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत कर डॉ. उपाध्याय ने कहा कि धरती पर इससे बड़ा कोई आयोजन नहीं होता है। महाकुंभ में अपने प्रवास को प्रतिभागियों से साझा करते हुए उन्होंने कहा कि महाकुंभ में विभिन्न स्रोतों से आर्थिक लाभ भी हो रहा है जिसको जनकल्याणकारी योजनाओं में लगाया जा रहा है।
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महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता से दुनिया में बजा यूपी का डंका : डॉ. प्रदीप राव
समारोप सत्र में सभी अभ्यागतों के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता से उत्तर प्रदेश का डंका पूरी दुनिया में बजा है। वैश्विक फलक पर उत्तर प्रदेश के हिस्से आई यह ख्याति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्पित प्रयासों का प्रतिफल है। ‘आस्था को सम्मान और विकास के नित नए प्रतिमान’ के सीएम योगी के विजन को देखकर विश्व समुदाय चकित है। उन्होंने महाकुंभ की सनातनी परंपरा और अनुशासन की महत्ता को वैश्विक पटल पर इस तरह प्रतिष्ठित किया है जिसे अनंतकाल तक याद किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का प्रतिवेदन महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. सुबोध कुमार मिश्रा ने प्रस्तुत किया जबकि संचालन सहायक आचार्य रमाकांत दूबे ने किया।
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