UP: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का निर्देश- इस माह के अंत तक किसानों की फसल क्षतिपूर्ति का करें भुगतान

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi) ने प्राकृतिक आपदाओं की वजह से फसलों को पहुंचे नुकसान के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत क्षतिपूर्ति का भुगतान इसी माह के अंत तक करने का निर्देश दिया है। प्रदेश में बीमित 1.24 लाख किसानों को 74.35 करोड़ का भुगतान किया जाना है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत बीमा कंपनियों को राज्यांश के रूप में 283 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। ऐसे में उन्हें फसल क्षतिपूर्ति का भुगतान करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

कृषि मंत्री ने मंगलवार को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा की समीक्षा करते हुए कहा कि जिलों में अधिसूचित फसलों पर क्राप कटिंग प्रयोग प्राथमिकता पर कराएं। बीमा कंपनियों की ओर से किए गए क्षति का आकलन का वेरीफिकेशन जिला कृषि उप निदेशक से कराएं।

Also Read: वित्त मंत्री से CM योगी की मांग- UP में आबादी के अनुपात में स्थापित किए जाएं बैंक और एटीएम

सूर्य प्रताप शाही ने फास्फेटिक उर्वरकों की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए कहा कि अक्टूबर में 4.02 लाख टन के सापेक्ष 4.10 लाख टन की बिक्री हुई है। ऐसे ही नवंबर में 6.06 लाख टन के सापेक्ष अब तक 2.84 लाख टन की बिक्री हो चुकी है। प्रदेश में 3.79 लाख टन फास्फेटिक डीएपी व एनपीके आदि व 63 हजार टन सुपर फास्फेट खाद उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के गोदामों में 89 हजार टन डीएपी उपलब्ध है। 131 उर्वरकों की फास्फोटिक खाद की रैक 71 जिलों में पहुंच चुकी है और 60 रैक अगले 2 दिन में जिलों में पहुंचेगी। केंद्र सरकार की ओर से 30 नवंबर तक 3 लाख टन फास्फोटिक खाद की आपूर्ति की जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की खाद से संबंधित समस्या को सुनने व उनके निस्तारण के लिए सहकारी क्षेत्र में पीसीएफ व कृषि निदेशालय के साथ हर जिले में कंट्रोल रूम स्थापित कराकर नंबर का प्रचार-प्रसार किया गया है।

Also Read: योगी सरकार ने साढ़े 4 सालों में 80 लाख MSME इकाइयों को दिया कर्ज, 1.50 करोड़ से अधिक को मिला रोजगार

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने निर्देश दिए कि खाद बिक्री केंद्रों पर नोटिस बोर्ड लगाया जाए, उस पर उपलब्ध स्टॉक की मात्रा और बिक्री मूल्य का स्पष्ट उल्लेख किया जाए। जिलाधिकारी अपने जिलों में इसकी निगरानी कराएं कि कोई खाद विक्रेता तय मूल्य से अधिक दाम पर उसे न बेचे।

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )