उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Luknow) में 9 विधानसभा सीटें हैं, जिनके लिए वोटों की गिनती जारी है। लखनऊ मध्य सीट से विजय पताका लहराने वाले ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने इस बार कैंट सीट से कमल खिलाया है। भाजपा ने ब्रजेश को कैंट विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था। कैंट विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी और कानून मंत्री बृजेश पाठक ने 40000 वोटों से जीत दर्ज की है। ब्रजेश पाठक को कुल 107299 वोट मिले। वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को 67687 वोट मिले हैं।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में ब्रजेश पाठक को बड़ा ब्राह्मण चेहरा माना जाता है। यूपी भाजपा में ब्रजेश पाठक कद्दावर नेता में गिने जाते हैं। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। ब्रजेश पाठक का जन्म 25 जून 1964 को हरदोई जिले के मल्लावा कस्बे के मोहल्ला गंगाराम में हुआ था। उनके पिता का नाम सुरेश पाठक था। ब्रजेश पाठक ने कानून की पढ़ाई की है। उन्होंने अपने छात्र जीवन में ही अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कर दी थी।
1989 में वह लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष बने। इसके बाद 1990 में वह लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे। इसके 12 वर्ष बाद कांग्रेस में शामिल हुए और 2002 के विधानसभा चुनाव में मल्लावां विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े। करीब 130 वोटों से वह चुनाव हार गए। ब्रजेश पाठक 2004 में कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल हो गए।
इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में वह बसपा के टिकट पर उन्नाव संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। बसपा ने उन्हें सदन में अपना उपनेता बनाया। वहीं 2009 में मायावती ने ब्रजेश पाठक को राज्यसभा भेज दिया। वह सदन में बसपा के मुख्य सचेतक रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में ब्रजेश पाठक उन्नाव लोकसभा सीट से दूसरी बार मैदान में थे, लेकिन मोदी लहर में वह यह चुनाव हार गए थे और तीसरे नंबर पर रहे।
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उत्तर प्रदेश में होने वाले 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 22 अगस्त 2016 को ब्रजेश पाठक भाजपा में शामिल हो गए। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें लखनऊ सेंट्रल विधानसभा सीट से मैदान में उतारा। उन्होंने इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री रहे रविदास मेहरोत्रा को 5094 वोटों के अंतर से हराया और पहली बार विधानसभा पहुंचे। भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें कानून मंत्री बनाया गया।
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