भारतीय कला और संस्कृति में ग्रामीण जीवन की अहम भूमिका रही है। इसी को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा लोक कलाकार वाद्ययंत्र योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत प्रदेश के हर ब्लॉक की एक चयनित ग्राम पंचायत को वाद्ययंत्रों का एक सेट (हारमोनियम, ढ़ोलक, झींका, मंजीरा और घुंघरू) दिया जा रहा है।
आजमगढ़ में वाद्य यंत्रों का वितरण
मंगलवार को आजमगढ़ (Azamgarh) जिले के हरिऔध कला केंद्र, आजमगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना और भाजपा जिलाध्यक्ष ध्रुव सिंह ने संयुक्त रूप से 22 ग्राम पंचायतों को वाद्ययंत्रों का वितरण किया। ये ग्राम पंचायतें जिले के विभिन्न विकास खंडों जैसे जहानागंज, महाराजगंज, सठियांव, रानी की सराय, अजमतगढ़, तहबरपुर, मुहम्मदपुर, हरैया, बिलरियागंज, लालगंज, ठेकमा, पल्हनी, तरवां, मेंहनगर, मिर्जापुर, अतरौलिया, पल्हना, पवई, मार्टीनगंज, कोयलसा, अहिरौला और फूलपुर से चुनी गई हैं।
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इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय की स्थापना के बाद अब सरकार का प्रयास है कि गांव-गांव में भी संगीत की सुविधा पहुंचे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे अब अपने ही गांव में रहकर संगीत का अभ्यास कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।
उन्होंने सभी ग्राम प्रधानों से अपील की कि वाद्ययंत्रों का सही तरीके से उपयोग करें और इन्हें पंचायत भवन में रखें ताकि कोई भी बच्चा या ग्रामीण वहां जाकर संगीत का अभ्यास कर सके। उन्होंने कहा कि अगर आजमगढ़ को सांस्कृतिक रूप से मजबूत बनाना है तो इसकी जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों की है, क्योंकि वे सबसे छोटी सरकार के प्रतिनिधि होते हैं।
कार्यक्रम में जिला पंचायत राज अधिकारी कुंवर सिंह यादव, कई जनप्रतिनिधि और संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि ग्रामीण प्रतिभाओं को नई दिशा मिलेगी और लोक कला एवं संस्कृति को नई ऊर्जा मिलेगी।