उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अबला कही जाने वाली आधी आबादी को सबला के रूप में स्थापित कर महिलाओं के प्रति लोगों की धारणा बदलने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. सीएम महिलाओं व बालिकाओं को आत्मरक्षा के तरीकों के प्रति सजग और जागरूक बनाने के लिए अभियान भी चला रहे हैं. नवरात्रि से महिलाओं के लिए ‘मिशन शक्ति’ अभियान की शुरूआत की गई है, लेकिन योगी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू से ही काम कर रहे हैं. महिला सुरक्षा को लेकर यह सीएम की प्रदिबद्धता ही है कि महिला अपराधों में सजा दिलाने के मामले में यूपी आज पहले स्थान पर है.
यूपी में महिला अपराध में गिरावट की वजह योगी सरकार द्वारा की जाने वाली सख्ती को माना जा रहा है. सीएम योगी ने जबसे सत्ता संभाली है तब से उनका पहला मकसद महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाना रहा है. अभी तक यूपी में बलात्कार के मामलों में 5 अपराधियों को फांसी तक हो चुकी है, और 193 मामलों में आजीवन कारावास की सजा दिलाई है. इतना ही नहीं 2016 के मुकाबले 2020 में बलात्कार के मामलों में 42 फीसदी की कमी आई है. वहीं महिलाओं के अपहरण के मामलों में भी काफी कमी दर्ज की गई है.
बता दें कि 2019 में महिला संबंधी वादों के कुल 15116 मामले निस्तारित हुए. प्रदेश में 2016 के मुकाबले 2020 में बलात्कार के मामलों में 42 फ़ीसदी की कमी आई है. वहीं महिला अपहरण के मामलों में 39 फ़ीसदी कमी आई है. एनसीआरबी द्वारा प्रकाशित क्राइम इन इंडिया के अनुसार (भारत सरकार ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर ये आंकड़े उपलब्ध हैं) महिलाओं के विरुद्ध अपराध में सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है. इसे योगी सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है.
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