एक समय था कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल जानकारी लेने के लिए किया जाने लगा था. पर आज के समय में सोशल मीडिया पर सच का पता लगा पाना बेहद ही मुश्किल है. यहां हर दूसरी खबर फेक होती है. ऐसे में सच और झूठ की इस गुत्थी को सुलझाने के लिये यूपी पुलिस ने एक पहल की शुरूआत की थी. जिसके चलते यूपी पुलिस ने फैक्ट चेक करने के लिए एक डेडिकेटेड सोशल मीडिया अकाउंट खोला था. जिसका समर्थन आज यूपीएससी—2021 टॉपर श्रुति शर्मा ने भी किया है. दरअसल, यूपीएससी—2021 की परीक्षा में टॉप करने के बाद श्रुति शर्मा के नाम से भी कई फेक अकाउंट बन गए थे. ऐसे में अब श्रुति शर्मा ने यूपी पुलिस की इस पहल को सपोर्ट करते हुए कहा है कि, यदि आपको भी किसी खबर को लेकर शक हो तो यूपी पुलिस के फैक्ट चेक अकाउंट की मदद लें.
श्रुति शर्मा के बने थे कई फेक अकाउंट
जानकारी के मुताबिक, बिजनौर जिले के तहसील मुख्यालय चांदपुर से करीब दस किलोमीटर दूर स्थित गांव बास्टा निवासी स्व. डा. देवेंद्र शर्मा के छोटे पुत्र सुनील दत्त शर्मा की पुत्री श्रुति शर्मा का जन्म एक मार्च 1997 को यहीं हुआ. वर्ष 2021 में यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुई. जिसमें उन्होंने सफलता के झंडे गाड़ते हुए पहली रैंक हासिल की. उस सफलता के बाद से सोशल मीडिया पर उनके नाम से कई अकाउंट बन गए.
अगर फेक न्यूज की बात करें तो अग्निपथ’ योजना के ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हो रही थी. इनमें एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी है. इस पर प्रोफाइल पिक में यूपीएससी—2021 टॉपर श्रुति शर्मा की तस्वीर लगी हुई थी. इसमें अग्निपथ योजना पर तंज कसते हुए लिखा है कि विधायक व सांसद को दो साल के लिए नियुक्त किया जाए और उसके बाद उनको रिटायर कर दिया जाए. इन मंत्रियों को सदनवीर कहा जाए. सोशल मीडिया यूजर्स इसे श्रुति शर्मा के असली अकाउंट से किया गया ट्वीट समझ कर शेयर कर रहे हैं. लेकिन पड़ताल में सामने आया कि ये फेक अकाउंट है.
यूपी पुलिस ने शेयर किया वीडियो
इसी परेशानी के चलते यूपीएससी—2021 टॉपर श्रुति शर्मा यूपी पुलिस के फैक्ट चेक अकाउंट के समर्थन में आ गई हैं. उनका एक वीडियो यूपी पुलिस ने भी शेयर किया है जिसमें वो कहती दिखाई दे रहीं है कि यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद उनका सामना एक दूसरी चुनौती से हुआ था. ये चैलेंज था फेक न्यूज का. जो इस वक्त पूरी दुनिया में फैल चुका है. मेरे यूपीएससी करने के बाद मेरे नाम से कई अकाउंट बन गए थे. जिसके बाद मैनें यूपी पुलिस के साथ साथ साइबर सेल की भी मदद ली. इस मामले में यूपी पुलिस फैक्ट चैक से भी काफी मदद मिली. दिसंबर 2017 में लांच हुआ UPPViralCheck और हान ही में लांच हुए इसके इंस्टा और फेसबुक अकाउंट भी फेक न्यूज का लगातार खंडन कर रहे हैं. इसिलिए आप भी किसी भी खबर को यहां टैग कर खबरों की सत्यथा को जान सकते हैं.
Fighting Fake News#UPSC 2021 rank 1 holder @ShrutiSharma971 joins hands with #UPPolice to counter the menace of #FakeNews.
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— UP POLICE (@Uppolice) July 20, 2022