अमेरिका द्वारा तीन देशों पर उच्च टैरिफ लगाने से भारतीय उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलने की संभावना

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ‘पारस्परिक टैरिफ’ (Reciprocal Tariffs) नीति की घोषणा की है, जिसके तहत अमेरिका उन देशों पर वही टैरिफ लगाएगा, जो वे अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं। इस नीति का उद्देश्य अमेरिकी उत्पादों के लिए समान प्रतिस्पर्धात्मक माहौल सुनिश्चित करना है।

Reciprocal Tariffs

विशेषज्ञों के अनुसार, इस नीति का भारत पर प्रभाव मिश्रित हो सकता है। भारत के कुछ निर्यात क्षेत्रों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह लाभकारी भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि अमेरिका भारतीय कृषि उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाता है, तो इससे भारतीय निर्यातकों के लिए चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं। हालांकि, भारत ने अपनी निर्यात रणनीति में विविधता लाकर, उत्पादों में अधिक मूल्य जोड़कर, और वैकल्पिक व्यापार मार्ग स्थापित करके इस नुकसान को कम करने के प्रयास किए हैं।

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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ जवाबी कार्रवाई का भारतीय निर्यात पर प्रभाव न्यूनतम रहने की संभावना है। इसके अलावा, भारत रणनीतिक रूप से किसी एक देश पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है और यूरोप तथा मध्य पूर्व जैसे क्षेत्रों के साथ संबंधों को मजबूत कर रहा है।

अंततः, अमेरिकी टैरिफ नीतियों का भारतीय निर्यात पर प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि ये नीतियाँ किस प्रकार और किन उत्पादों पर लागू की जाती हैं। भारत की निर्यात रणनीति और वैश्विक व्यापार में उसकी स्थिति को देखते हुए, यह संभव है कि कुछ चुनौतियों के बावजूद, भारतीय उत्पादों का निर्यात अमेरिकी बाजारों में बना रहेगा।

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