WPI Inflation: तीन साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंची थोक महंगाई, मई में नकारात्मक हुई महंगाई दर

WPI Inflation Rate: भारत तरक्की के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है. मई महीने में थोक महंगाई में गिरावट देखने को मिली है. थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई मई में घटकर शून्य से 3.48 प्रतिशत नीचे चली गई है. यानि कि इस समय भारत में महंगाई निगेटिव में चल रही है, जो तीन साल का निचला स्तर है. अप्रैल में यह शून्य से 0.92 प्रतिशत नीचे थी. यही हाल खुदरा महंगाई का भी है. मई महीने में खुदरा महंगाई दो साल के निचले स्तर 4.25% पर पहुंच गई. अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई 4.7 प्रतिशत रही थी.

थोक मुद्रास्फीति 16.63 प्रतिशत पर थी

अप्रैल में यह (-) 0.92 प्रतिशत पर थी. मई, 2022 में थोक मुद्रास्फीति 16.63 प्रतिशत पर थी. मई, 2023 का मुद्रास्फीति का आंकड़ा तीन साल का निचला स्तर है. इससे पहले मई, 2020 में थोक मुद्रास्फीति (-) 3.37 प्रतिशत पर थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई में खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति घटकर 1.51 प्रतिशत पर आ गई. अप्रैल में यह 3.54 प्रतिशत पर थी.

मई में शून्य से 2.97 प्रतिशत नीचे रही

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा, ‘मई में थोक मुद्रास्फीति में गिरावट की मुख्य वजह खनिज तेल, मूल धातु, खाद्य उत्पाद, कपड़ा, गैर-खाद्य सामान, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, रसायन और रसायन उत्पादों की कीमतों में कमी है.’ ईंधन और बिजली की महंगाई दर में घटकर (-) 9.17 प्रतिशत पर आ गई. अप्रैल में यह 0.93 प्रतिशत थी. विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति मई में शून्य से 2.97 प्रतिशत नीचे रही.

खुदरा मुद्रास्फीति 4.25 प्रतिशत पर

अप्रैल में यह शून्य से 2.42 प्रतिशत नीचे थी. मई में खुदरा मुद्रास्फीति भी घटकर 4.25 प्रतिशत के 25 माह के निचले स्तर पर आ गई है. इससे पहले मई 2023 में खुदरा महंगाई दर 25 महीने के निचले लेवल पर आ गई . खाने से जुड़े हुए प्रोडक्ट्स और फ्यूल प्रोडक्ट्स से जुड़ी कीमत में गिरावट से महंगाई दर में कमी हुई है. खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 25 माह के निचले स्तर 4.25 प्रतिशत पर आ गई है.

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