स्पेशल न्यूज़: हर साल की तरह यह साल भी लोगों को याद रहने वाला है. इस साल सबसे ज्यादा लोग कोरोना महामारी की वजह से होने वाले व्यापार में गिरावट की वजह से काफी लोग परेशान रहे. 2020 में महामारी की वजह से काफी लोगों के जहन में यह बातें चलती रहीं हैं. वहीँ दूसरी तरफ गोल्ड की बात करें तो इस साल रिकार्ड तोड़ तेजी रही है. जी हां सोना के लिए यह साल 2020 एक बंपर ईयर साबित हुआ है.
इस साल सोने के व्यापार में काफी उतार-चढाव आए हैं, साथ ही सोने को तेजी करने वाली परिस्थितियों में भी भरमार रही. जब भी भू-राजनीतिक अस्थिरता आती है या वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता होती है, तो सोना सेफ हैवन एसेट के रूप में निवेशकों का प्रिय निवेश विकल्प बन जाता है और इसके परिणामस्वरूप कीमतों में उछाल देखने को मिलता है. चलिए आपको बताते है कि इस साल 2020 में सोने का क्या हाल रहा और तो अगले साल इसमें क्या बदलाव हो सकता है.
वहीँ इस साल सोने में निवेश करने वालों के लिए यह साल काफी बेहतर परफॉर्म करने वाला एसेट रहा है. इस साल 2020 में कॉमेक्स पर सोने ने 23 फीसद का रिटर्न दिया है. वहीं, एमसीएक्स पर 27 फीसद का रिटर्न दिया है. इससे पहले साल 2019 में यूएस-चीन ट्रेड वॉर और अमेरिकी फेड के आक्रामक रुख के चलते सोने की कीमतों में करीब 10 फीसद का उछाल दर्ज किया गया था. महामारी के प्रकोप और लॉकडाउन के चलते मंदी की आशंका के कारण साल 2020 में सोने की खरीद जारी रही और भाव बढ़ते गए.
वहीँ आपको बता दें, कि इस साल कॉमेक्स पर सोने की कीमतें 1860 डॉलर औंस के करीब कारोबार कर रही है. कोरोना के चलते वैक्सीन और देश के विकास को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की समाप्ति ने बाजार की अनिश्चितता को कम कर दिया है. यही कारण है कि सोने की कीमतें अगस्त, 2020 के 2075 डॉलर प्रति औंस के अपने उच्चतम स्तर से नीचे आ गई हैं. जबकि एमसीएक्स पर सोने की कीमतें भी अगस्त महीने में 56000 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्च स्तर को छूने के बाद इस समय 49700 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास कारोबार कर रही हैं. एचडीएफसी सिक्युरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक तपन पटेल ने बताया कि इस साल डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट के चलते भारत में सोने की कीमतों को अतिरिक्त सपोर्ट मिला है.
वहीं अगर आप निवेश के ख्याल से देखें तो आपके लिए बहुत बढ़िया मौका है. एचडीएफसी सिक्युरिटीज के तपन पटेल ने सोने में निवेश करना जारी रखने की सलाह दी है. कुछ एक्सपर्ट के मुताबिक हमें गिरावट आने पर निवेश करना जारी रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि निवेशक 1520 डॉलर प्रति औस और 41,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर निवेश के लिए सबसे अधिक जा सकते हैं. निवेशकों को यह समझना चाहिए कि सोना साल दर साल नियमित रिटर्न नहीं देता है, लेकिन हर 3 से 5 साल में एकमुश्त रिटर्न देता है. निवेशक फिजिकल गोल्ड की बजाय गोल्ड ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आदि के रूप में सोने में निवेश कर सकते हैं.
इस बात की भी जानकारी दें कि ऐसे कई वजह हैं, जिनके चलते सोने में आगे भी तेजी जारी रहेगी. केडिया एडवाइजरी के मैनेजिंग डायरेक्टर व रिसर्च हेड ने बताया कि साल 2008 में आई मंदी के समय भी साल 2007 से 2011 के बीच पांच साल तक सोने में तेजी का दौर देखने को मिला था। उन्होंने कहा कि इस बार भी ऐसा होना चाहिए. इस बात की भी जानकारी दी ब्याज दरों में कमी, विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं में राहत पैकेज आने, महंगाई के बढ़ने, बेरोजगारी में वृद्धि और आर्थिक गतिविधियों में धीमी रिकवरी के चलते आने वाले वर्षों में सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिलेगी.
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