उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri in UP 2021) की तलाश कर रहे युवाओं के लिए बड़ी खबर है. यूपी की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने उत्तर प्रदेश में 58 हजार 1 सौ 89 ग्राम पंचायतों के लिए बहाली निकाली है. जिसमें युवा पंचायत सहायक, एकाउंटेंट कम डाटा इंट्री आपरेटर की भर्ती के लिए अप्लाई कर सकते हैं. सबसे खास बात कि, अभ्यर्थियों के 10वीं और 12वीं में में आये अंकों के आधार पर नियुक्ति की जाएगी. यानी जिसकी मेरिट ज्यादा होगी उसकी नियुक्ति होगी.
अकाउंटेंट कम डाटा एंट्री ऑपरेटर पदों पर चयनित युवाओं को छह हजार रुपये प्रति माह की सैलरी मिलेगी. यह वेतन ग्राम पंचायत अपने बजट से ही देगी. चयनित व्यक्ति को पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम और पंचायतीराज विभाग के अन्य पोर्टल को संचालित करेगा. बता दें कि इसी ग्राम सचिवालय में बीसी सखी भी बैठेंगी. जिनका काम ग्रामीणों के बैंक खातों का आधार कार्ड के आधार पर संचालन कराना होगा. वे किसानों को मिलने वाले सरकारी अनुदान आदि की मॉनिटरिंग करेंगी.
UP में पहली बार स्थापित होगा ग्रामीण सचिवालय
राज्य सरकार के प्रवक्ता और खादी ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के अनुसार, यूपी में पहली बार ग्रामीण सचिवालय की स्थापना होने जा रही है. यूपी में 58,189 ग्राम पंचायतें हैं, जो त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं. हालांकि प्रदेश में अभी तक ग्राम पंचायतें अपना कार्यालय स्थापित कर इसे व्यवस्थित रूप से चलाने में असमर्थ रही हैं, जबकि शासन की सभी महत्वपूर्ण योजनाएं ग्राम पंचायतों के माध्यम से अथवा ग्राम पंचायतों के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वित होती हैं.
30 जुलाई से चयन प्रकिया शुरू
बता दें, यूपी के पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बीते सोमवार को पंचायत सहायक और डाटा इंट्री ऑपरेटर के साथ एकाउंटेंट के पदों के लिए ग्राम पंचायतों में 58,189 नियुक्ति की बात कही थी. उन्होंने कहा है कि, नियुक्ति प्रक्रिया में ग्राम पंचायत के पदाधिकारी अपने परिजनों और रिश्तेदारों को शामिल नहीं कर सकेंगे. इसमें 18 से 40 साल की वर्ष के लोग आवेदन कर सकते हैं. वहीं, 30 जुलाई से चयन प्रक्रिया की शुरूआत होगी. और 10 सितंबर तक काम पूरी कर लिया जाएगा. यानी योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दे दिए जाएंगे.
यह होगी चयन प्रक्रिया
पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि ग्राम प्रधान की अध्यक्षता वाली प्रशासनिक समिति 10वीं और 12वीं पास उम्मीदवारों का चयन मेरिट के आधार पर करेगी. उन्होंने कहा कि, ग्राम पंचायत जिस जाति के लिए की आरक्षित होगी, उसी जाति का पंचायत सहायक होगा. पदों पर ग्राम पंचायत के लोग ही चयनित होंगे. यानी यदि ग्राम पंचायत में रहने वाले किसी व्यक्ति की कोरोना से मौत हो चुकी है और अगर उसका वारिस 10वी या 12वीं पास है तो और आरक्षण श्रेणी को पूरा करता है तो से में उसे वरीयता दी जाएगी.
बता दें, कोरोना से मरने वालों की आश्रितों में उसकी पत्नी या पति, बेटा, अविवाहित या विधवा बेटी, या जिसे वो अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है, वो आएंगे. लेकिन नियुक्ति में प्रधान अपने परिवार और रिश्तेदारों को पंचायत सहायकों के पद पर नहीं रख पाएंगे. बता दें, पंचायत सहायक की नियुक्ति कॉनट्रैक्ट बेसिस पर होगी. 1 साल की संविदा पर उन्हें नियुक्त किया जाएगा, लेकिन अगर इस एक साल में सेवाएं संतोषजनक नहीं पाई गई तो उन्हें हटा दिया जाएगा. इनपर कार्रवाई भी हो सकती है. वहीं काम संतोषजनक होने पर कॉनट्रैक्ट को रिन्यू किया जाएगा.
लाखों युवाओं को मिला रोजगार
प्रदेश की योगी सरकार का फोकस लगातार मिशन रोजगार पर है. सरकार का दावा है कि पिछले साढे 4 वर्षों में अब तक 6.65 लाख युवाओं को रोजगार दिया जा चुका है. बीजेपी की कोशिश है कि 2022 के चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार दिया जा सके, जिससे जब जनता के बीच वोट मांगने के लिए जाना पड़े तो कम से कम यह बताया जा सके कि उनसे रोजगार देने का जो वादा किया था उसे सरकार ने पूरा भी किया है.
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