यूपी: योगी सरकार का बड़ा फैसला, छुट्टा गोवंश की देखभाल के बदले हर माह मिलेंगे 900 रूपए

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने निराश्रित गोवंश की देखभाल के लिए एक बड़ी योजना का एलान किया है. इसके तहत अब सरकार आवारा गोवंश की देखभाल करने वालों के खाते में हर माह 900 रुपये भेजेगी. यह योजना पूरे प्रदेश में एक साथ लागू की जायेगी. माना जा रहा है कि योगी सरकार अनुपूरक बजट में इसका एलान कर सकती है.


इस नई योजना ती शुरूआत बुंदेलखंड से होगी. जहां आवारा पशुओं ने लोगों का सुख चैन छीन लिया है. छुट्टा जानवर किसानों की फ़सल खा जाते हैं. जब ये सड़कों पर घूमते हैं तो हर रोज़ हादसे होते हैं. बुंदेलखंड के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को गोरखपुर और वाराणसी के आसपास के इलाक़ों में लागू करने का मन बनाया है.


हाल में हुए लोकसभा चुनावों में छुट्टा गोवंश एक बड़ा मुद्दा रहा. प्रियंका गांधी से लेकर मायावती और अखिलेश यादव ने इसी बहाने यूपी की योगी सरकार पर जम कर हमले किए थे. योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव की चुनावी सभाओं में भी छुट्टा जानवरों ने बड़ा हंगामा मचाया था. पीएमओ ने भी प्रधान मंत्री को ये जानकारी दी थी कि आवारा पशुओं से किसान बहुत परेशान हैं.


2017 में मुख्य मंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सभी अवैध बूचड़खाने बंद करा दिए थे. राज्य भर में बड़े पैमाने पर छापेमारी और धर पकड़ हुई थी. गो तस्करी और गोकशी यूपी में बड़ी समस्या रही है. लेकिन योगी सरकार के आते ही इन पर बड़ी कार्रवाई हुई. कई गिरफ़्तार किए गए. इसका एक असर ये भी हुआ कि छुट्टा जानवरों की संख्या भी काफ़ी बढ़ गई.



बुंदेलखंड में तो ये समस्या पहले से ही थी. गाय दूध देना बंद कर देती है तो किसान उसे बाहर छोड़ आते हैं. बैल बूढ़े होने पर भी किसान ऐसा ही करते हैं. यूपी के लाखों किसानों के खेत ऐसे छुट्टा गोवंश खा गए. किसान सड़क पर उतर आए. बात मुख्यमंत्री तक पहुंची. फिर यूपी के सभी 75 जिलों में गोशाला खोलने का फ़ैसला हुआ. लेकिन कैसे? सरकार के पास इतना बजट भी नहीं था. गोशाला बनाने के लिए सभी जिलों को एक एक करोड़ रूपये ही दिए गए. कहा गया कि बाक़ी का इंतज़ाम कॉरपोरेट कंपनियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से कर लें. योगी आदित्यनाथ को ख़ुश करने के चक्कर में कुछ जिलों के डीएम ने तो अपने सरकारी बंगले पर ही गोशाला बना लिए.


सीएम योगी ने मंगलवार को पूर्वांचल व बुंदेलखंड विकास बोर्ड की बैठक की. उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ पूर्वांचल, बुंदेलखंड समेत देश के सभी किसानों को मिलेगा. सीएम ने बुंदेलखंड में गोशालाओं के निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश भी दिया है. गौरतलब है कि प्रदेश में छुट्टा जानवरों किसानों और सड़क यातायात के लिए एक बड़ी समस्या बन गए हैं. इनका प्रबंधन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री की यह योजना किसानों के लिए बड़ी रात देने वाली हो सकती है. सरकार का यह मानना है कि प्रति गोवंश राशि मिलने से किसान अनुपयोगी गोवंश को छुट्टा छोड़ने से बचेंगे और उनकी बेहतर देखभाल भी कर सकेंगे.


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