महाकुम्भ नहीं अब जिला महाकुम्भ कहिए, आस्था के मेले को मिला जिला का दर्जा, जानिए अब क्या पड़ा नाम

District Mahakumbh: प्रयागराज में लगने जा रहा महाकुम्भ अब प्रयागराज में नहीं लगेगा. चौंकिये मत. दर-असल प्रयागराज के जिस क्षेत्र में महाकुम्भ का आयोजन किया जाता है, उसे अब अलग जिला घोषित कर दिया गया है. इसे महाकुम्भ मेला जनपद का नाम दिया गया है. अब मेला जनपद के पास अपना डीएम, एसडीएम और पुलिस तक होगी. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं किया जा रहा है. हर बार महाकुम्भ के समय लगभग चार महीने के लिए इसे अलग जिला बना दिया जाता है.

इस मामले में प्रयागराज के जिलाधिकारी रविंद्र मांदड़ ने सूचना जारी कर दिया है. इसके साथ ही महाकुम्भ मेला जनपद की सीमाएं भी निर्धारित हो गई हैं. प्रयागराज के जिलाधिकारी ने जो अधिसूचना जारी की है उसके मुताबिक इस महाकुम्भ मेला जनपद के अंतर्गत कुल चार तहसील और 67 गांव आएंगे. महाकुम्भ मेला जनपद के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों के मामलों की सुनवाई मेला जनपद के जिलाधिकारी ही करेंगे.

आपको बता दें कि प्रयागराज में संगम के तट पर हर साल माघमेला का आयोजन होता है और हर छह साल पर अर्द्ध कुंभ लगता है. इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु और सनातनी पहुंचते हैं, लेकिन हर 12 साल पर लगने वाले महाकुंभ का महत्व अलग होता है. इस दौरान प्रयागराज शहर के अंदर एक नए शहर को बसाया जाता है, जिसकी आबादी पुराने शहर से भी ज्यादा होती है.ऐसे हालात में हर बार महाकुंभ के समय इस नए शहर को जिला घोषित करते हुए यहां के लिए अलग से जिला मजिस्ट्रेट के अलावा उपजिला अधिकारी और तहसीलदारों की नियुक्ति की जाती है. इसी तरह से इस जिले के लिए अलग से पुलिस कप्तान की भी तैनाती होती है. तो अब से उत्तर प्रदेश में 75 नहीं, 76 जिले होंगे.

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