इसे योगी सरकार (Yogi Government) की बड़ी उपलब्धि ही कहेंगे क्योंकि जब कोरोना संक्रमण काल में वैश्विक स्तर पर मंदी के हालात बनते जा रहे थे, उस वक्त भी उत्तर प्रदेश बेहतर निवेश और कारोबार के केंद्र के रूप में उम्मीद की आस बनकर सामने आया। इस दौरान औद्योगिकीकरण की ओर कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश ने विदेशी कंपनियों को खास तौर पर आकर्षित किया है। यही वजह है कि कोरोना काल में ही 28 विदेशी कंपनियों (28 Foreign Companies) ने करीब 9000 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए करार किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, कोरोना संक्रमण काल में देशी-विदेशी 57 कंपनियों ने 46 हजार 501 करोड़ रुपये के निवेश के लिए प्रदेश सरकार से करार किया है। इन कंपनियों में उत्पादन शुरू होने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने बताया कि इनमें 28 विदेशी कंपनियों ने 9357 करोड़ रुपये के निवेश के लिए करार किया है। एक जूता बनाने वाली कंपनी ऐसी है, जो चीन से शिफ्ट होकर भारत आई है और तीन सौ करोड़ रुपये के निवेश से आगरा में उत्पादन शुरू किया है। इसके अलावा 37 हजार 144 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए घरेलू 29 कंपनियों ने करार किया है।
कोरोना काल में उद्यमियों को 850 प्लॉट आवंटित किये गए हैं। इसके अलावा यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे सेक्टर 28 में 350 एकड़ में डेडिकेटेड मेडिकल डिवाइस पार्क प्रस्तावित है, जिसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए कलाम इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ टेक्नोलॉजी के साथ एमओयू किया गया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2 महीने के भीतर सभी उद्यमियों को भौतिक रूप से कब्जा दिलाने के निर्देश दिए हैं, ताकि जल्द से जल्द प्रोजेक्ट धरातल पर उत्पादन शुरू कर सकें। इससे पहले श्रम कानून सहित निवेश आकर्षित करने को कई नीतियों में संशोधन भी किया है।
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