उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने युवाओं के हित में बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा 2023 (UP Police Constable Recruitment Exam 2023) को निरस्त कर दिया है। सीएम योगी ने आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा-2023 को निरस्त करने व आगामी 6 माह के भीतर ही पुन: परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं। उन्होने कहा कि परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।
एसटीएफ की रडार में परीक्षा की गोपनियता भंग करने वाले
सीएम योगी ने कहा कि युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी हालत में बख्शे नहीं जाएंगे। ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है। परीक्षा की गोपनीयता भंग करने वाले एसटीएफ की रडार में हैं। कई बड़ी गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। बता दें कि इस संबंध में गृह विभाग की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि शासन ने भर्ती बोर्ड को यह निर्देश दिए हैं कि जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर अग्रिम वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
.@Uppolice आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा-2023 को निरस्त करने तथा आगामी 06 माह के भीतर ही पुन: परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं।
परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 24, 2024
गृह विभाग की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि शासन ने मामले की जांच एसटीएफ से कराए जाने का फैसला लिया है। दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। शासन ने 6 माह के अंदर पूर्ण शुचिता के साथ दोबारा परीक्षा आयोजित करने व उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा से अभ्यर्थियों को निशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं।
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बता दें कि यह मामला सामने आने के बाद प्रदेश के कई जिलों के अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन करते हुए परीक्षा निरस्त करने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रश्न पत्र लीक होने के साथ ही परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। हाल ही में प्रयागराज में सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी हाथ में तख्तियां लेकर परीक्षा निरस्त कराने की मांग के साथ सड़कों पर उतर आए थे। वहीं, विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को उठाया था।