भारत के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे (Public Transport Ropeway) के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट मंजूर हो गया है। वाराणसी कैंट (Varanasi Cantt) से गोदौलिया के बीच सड़क किनारे से गुजर रही जनसुविधाओं की लाइन को शिफ्ट करने के लिए बजट की पहली किस्त जनवरी के पहले सप्ताह में जारी की जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार, 15 जनवरी के बाद जनसुविधाओं की लाइन को शिफ्ट करने के लिए तैयारी कराई जा रही है। रूट के लिए चिह्नित जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी जनवरी महीने में ही शुरू हो जाएगी। कैंट से गोदौलिया के बीच प्र्रस्तावित रोपवे के निर्माण के लिए शासन स्तर से ही कवायद शुरू कर दी गई है।
सूत्रों ने बताया कि प्रशासन की ओर से जमीन अधिग्रहण के लिए 173 करोड़ रुपये और जनसुविधाओं की लाइन को शिफ्ट करने के लिए 28 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। शासन ने इस बजट प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए पहली किस्त जारी करने की पहल भी कर दी है। बजट जारी होने के बाद कैंट से गोदौलिया के बीच सड़क के नीचे से गुजर रही पानी, बिजली सहित अन्य लाइन को शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
3.75 किमी लंबे रोपवे के निर्माण के लिए 1.59 हेक्टेयर जमीन चिन्हित
ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे में जलकल, स्मार्ट सिटी, गेल, जल निगम, बीएसएनएल और बिजली विभाग के निर्माण को चिह्नित किया गया है। इसके अलावा कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक 3.75 किमी लंबे रोप-वे निर्माण के लिए 1.59 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण के लिए चिह्नित है।
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मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने कहा कि रोपवे परियोजना में जमीन अधिग्रहण के लिए 173 करोड़ रुपये और जनसुविधाओं की लाइन शिफ्ट करने के लिए 28 करोड़ रुपये के बजट को शासन से मंजूरी मिल गई है। उम्मीद है कि इसी सप्ताह धनराशि जारी हो जाएगी। जनसुविधाओं की शिफ्टिंग और जमीन अधिग्रहण फरवरी तक करने का लक्ष्य है और मार्च में रोपवे का काम शुरू हो जाएगा।
बता दें कि इस रोपवे रूट की लंबाई 3.75 किलोमीटर होगी। रोपवे परियोजना पर 461 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च होगी। यह रोपवे 30 टावर से होकर गुजरेगा। पांच स्टेशन भी बनाए जाएंगे।
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