आज सुबह देश के हर अखबार में फ्रंट पेज पर शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने की खबर छपी थी. वहीं लोग पेपर पूरा पढ़ भी नहीं पाए कि अचानक टीवी पर देवेंद्र फड़नवीस (Devendra Fadnavis) शपथ लेते हुए दिखाई दिए. कुछ इसी में मिलती-जुलती सीन लगभग सभी के साथ हुई. सुबह करीब 8:05 पर हर किसी ने शिवसेना से मुख्यमंत्री बनने के सपने को चकनाचूर होतो हुए सभी ने देखा. ये सब मुमकिन हुआ शाह की चाणक्य नीति से. उनकी सधी हुई चाल से अचानक फड़णवीस के सीएम बनने की रास्ता कैसे आसान हो गया जिसकी संभावना आसपास कहीं नहीं दिख रही थी. वैसे यह सब एक दम से नहीं घटित हो गया, इसके पीछे एक पूरा घटनाक्रम है. आइये जानते हैं कि पर्दे के पीछे की पूरी कहानी…
जब सेना, पवार और कांग्रेस सरकार बनाने के अंतिम दौर में थे, तभी बीजेपी और अजित पवार ने राज्यपाल से मिलने का फैसला कर लिया था. कल देर रात देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास सरकार बनाने का दावा पेश किया. फडणवीस ने अपने पास 173 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया. इसमें बीजेपी के सदस्यों के अलावा एनसीपी के 54 विधायक, 14 निर्दलीय और अन्य विधायकों के समर्थन होने का दावा किया. रात 11:45 बजे के आसपास एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास एनसीपी के 54 विधायकों की हस्ताक्षर सहित सूची लेकर पहुंचे.
अजित पवार ने अपना समर्थन देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी को देने का पत्र राज्यपाल को सौंपा. एनसीपी का समर्थन पत्र मिलने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी इस बात से आश्वस्त हुए की देवेंद्र फडणवीस के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा है. रात 12 बजे ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में लोकतांत्रिक सरकार के गठन का रास्ता साफ करने के लिए राष्ट्रपति शासन हटाने का निर्णय लिया.
केंद्र को राज्य में गठबंधन सरकार बनने के हालात की जानकारी देते हुए राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश भेज दी. सुबह 5.45 बजे के आसपास राज्य में लगा राष्ट्रपति शासन हटाने की जानकारी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को दी गई. सुबह 6:00 बजे के आसपास राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को शपथ दिलाने का निर्णय लिया. सुबह 6:30 बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तरफ से देवेंद्र फडणवीस के साथ अजित पवार के शपथ ग्रहण कराने का पत्र भेजा गया. इसमें सुबह ही शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने का निवेदन भी था.
सुबह 6:45 बजे देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल से निवेदन किया कि वो मुख्यमंत्री और अजित पवार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. बीजेपी की तरफ से शपथ ग्रहण का आग्रह मिलने के बाद ही राज्यपाल ने सुबह 8 बजकर 07 मिनट पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार को शपथ दिलाई. फिलहाल 30 नवंबर तक फड़नवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं, इसी तारीख को उन्हे बहुमत साबित करना होगा.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे. राज्य में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने की वजह से राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. शिवसेना के मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर बीजेपी से 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ने के बाद से राज्य में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था.
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