विकास दुबे केस में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, पूर्व SSP अनंत देव सस्पेंड, IPS दिनेश पी को नोटिस जारी

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने कानपुर के विकास दुबे मामले (Kanpur Vikas Dubey Case) को लेकर बड़ी कार्रवाई की है. सरकार ने कानपुर में SSP रहे अनंतदेव तिवारी (Anant Dev Tiwari) को सस्पेंड कर दिया है. अनंतदेव वर्तमान में DIG पीएसी के पद पर तैनात हैं. अनंतदेव के अलावा बिकरू  कांड के समय कानपुर के SSP रहे दिनेश पी (Dinesh P) को भी लापरवाही बरतने के आरोप में नोटिस दिया जाएगा.  दिनेश पी वर्तमान में झांसी के SSP के पद पर तैनात हैं. एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद यह पहली बड़ी कार्रवाई की गई है.


SIT ने अनंत देव के खिलाफ वृहद कार्रवाई और दिनेश कुमार पी के खिलाफ लघु दंड की कार्रवाई किए जाने की सिफारिश की थी. बिकरू कांड के बाद अनंत देव को STF के DIG पद से हटाकर PAC मुरादाबाद में DIGके पद पर भेज दिया गया था. अब उन्हें PAC के DIG पद से निलंबित कर दिया गया है. वह बिकरू कांड से पहले कानपुर नगर के SSP थे.


बिकरू कांड के समय कानपुर नगर के SSP रहे दिनेश कुमार पी को बाद में झांसी के SSP पद पर स्थानान्तरित कर दिया गया था. मौजूदा समय में वह इसी पद पर हैं. कारण बताओ नोटिस का जवाब मिलने के बाद उनके खिलाफ लघु दंड की कोई कार्रवाई की जा सकती है. SIT ने अपनी रिपोर्ट में लगभग 75 अफसरों व कर्मचारियों को दोषी ठहराया है. इस कारण अभी और कई अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होने के आसार हैं.


शहीद CO का SP के साथ ऑडियो हुआ था वायरल


बिकरू  कांड में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का एक ऑडियो वायरल हुआ था. इस ऑडियो में बिकरू में रेड पर जाने से पहले सीओ देवेंद्र मिश्रा और एसपी ग्रामीण के बीच फोन पर बातचीत थी. इस ऑडियो में देवेंद्र मिश्रा ने चौबेपुर एसओ और पूर्व SSP अनंत देव पर गंभीर आरोप लगाए थे. CO ने एसपी ग्रामीण से कहा था कि पुराने SSP अनंत देव ने एसओ विनय तिवारी को बढ़ावा दे रखा था. इसकी वजह से ही विनय तिवारी बोलना सीख गया है. उन्होंने एसपी ग्रामीण को यह भी जानकारी दी थी कि विनय तिवारी डेढ़ लाख रुपये महीना लेकर जुआ खिलाता था. शिकायत पर भी विनय तिवारी पर कार्रवाई नहीं होती थी. ऑडियो में वो ये यह भी कहते सुने गए कि SO ने जुआ खिलाने वालों से ले कर 5 लाख रुपये अनंत देव तिवारी को दिए थे.


3200 पन्नों की है SIT रिपोर्ट

SIT ने कुछ दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी. जिसमें 75 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई थी. जांच रिपोर्ट में पुलिस की गंभीर चूक उजागर की गई. दोषी पाए गए अधिकारियों व कर्मचारियों में से कुछ पर पहले ही कार्रवाई हो चुकी है. शेष पर जल्द कार्रवाई होने की संभावना है. अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित इस SIT ने काफी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है, जो लगभग 3200 पृष्ठों की है.


75 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफाऱिश

SIT को कुल 9 बिन्दुओं पर जांच करके अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था. सूत्रों के अनुसार जिन 75 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है, उनमें से 60 फीसदी पुलिस विभाग के ही हैं. शेष 40 फीसदी प्रशासन, राजस्व, खाद्य एवं रसद तथा अन्य विभागों के हैं. रिपोर्ट में प्रशासन व राजस्व विभाग के अधिकारियों के स्तर से भी कुख्यात विकास दुबे को संरक्षण दिए जाने की बात कही गई है. दागियों को शस्त्र लाइसेंस, जमीनों की खरीद-फरोख्त और आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश न लगाए जाने के कई मामलों को रिपोर्ट में शामिल किया गया है.


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