अवैध धर्मांतरण (Illegal Conversion) मामले में फंडिंग की जांच कर रही यूपी एटीएस (UP ATS) ने बड़ा खुलासा किया है। एटीएस के मुताबिक, दुबाई से मुस्तफ़ा शेख़ और मुंबई से आमिर शेख़ सलाउद्दीन के एफएमआई (AFMI) ट्रस्ट को रकम भेजते थे। यह रकम अकाउंट और हवाल के जरिए आती थी। सलाउद्दीन हवाला के जरिए उमर गौतम को रकम भेजता था। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अलग-अलग तरीके से मिली इस रकम का अवैध धर्मांतरण में इस्तेमाल किया जाता था। एटीएस ने गुजरात से गिरफ्तार सलाउद्दीन से इस एंगल पर कस्टडी रिमांड के दौरान कई सवाल पूछे हैं।
उमर गौतम की संस्था के बैंक अकाउंट्स की जांच के दौरान केरल की संस्था नदवातुल मुजाहिद्दीन का नाम सामने आया है। बताया जा रहा है कि नदवातुल मुजाहिद्दीन ने भी उमर गौतम की संस्था को रकम भेजी थी। इन जानकारियों को यूपी एटीएस अवैध धर्मांतरण रैकेट से जोड़कर उनका परीक्षण कर रही है।
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बता दें कि यूपी एटीएस ने मौलाना मोहम्मद उमर गौतम और मुफ़्ती जहांगीर कासमी को लखनऊ से गिरफ्तार करते हुए इनके गिरोह द्वारा पूरे देश में चलाए जा रहे अवैध धर्मांतरण रैकेट का खुलासा किया था। एटीएस ने दावा किया था कि यह रैकेट नौकरी, पैसे और शादी का लालच देकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराता है।
अब तक इस रैकेट से जुड़े 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें उमर गौतम, मुफ़्ती जहांगीर, सलाउद्दीन, इऱफान शेख़, राहुल भोला, मन्नू यादव उर्फ मन्नान, रामेश्वर कांवरे उर्फ एडम, डॉक्टर अर्सलान उर्फ भूप्रिय बंदो और कौसर आलम शामिल हैं।
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