कोरोना महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन में देश की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुजन समाज पार्टी (BSP) की चीफ मायावती (Mayawati ने सरकारों की गंभीरता को लेकर सवाल उठाए हैं। मायावती ने कहा कि लोगों की रोजी-रोटी पर संकट का अब ऑक्सीजन पर चले जाना क्षोभ व गंभीर चिंता की बात है, लेकिन सरकारें व पार्टियां अपने स्वार्थ व द्वेष को अभी भी त्यागने को तैयार नहीं लगतीं।
मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा, ‘लॉकडाउन और फिर इस महामारी के अति-घातक होने से केवल सामान्य जीवन ही अस्त-व्यस्त व त्रस्त नहीं हुआ है बल्कि देश की पूरी अर्थव्यवस्था भी काफी चरमरा गई है तथा बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि सभी को विचलित कर रही है फिर भी सरकारें उतनी गंभीर नहीं लगती हैं, अति-दुःखद।’
बसपा प्रमुख ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘देश की अर्थव्यवस्था अर्थात लोगों की रोजी-रोटी पर संकट का अब आक्सीजन पर चले जाना क्षोभ व गंभीर चिन्ता की बात, किन्तु सरकारें व पार्टियाँ अपने स्वार्थ व द्वेष आदि को अभी भी त्यागने को तैयार नहीं लगतीं। ऐसे में जनता को यहाँ इस जानलेवा जंजाल से जल्दी मुक्ति मिल पाना कैसे संभव?’
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बता दें कि मायावती इन दिनों ट्विटर के माध्यम से ही अपनी बातें रख रही हैं। कोरोना वायरस, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और सरकारों की भूमिका आदि को लेकर वह अपनी बात रखती हैं। मंगलवार को उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करने के फैसले का स्वागत किया था।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘देश में कोरोना महामारी के चलते बच्चों व बच्चियों की सेहत व सुरक्षा आदि को ख़ास ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार द्वारा सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करने के आज लिए गए फैसले का बी.एस.पी. स्वागत करती है, क्योंकि छात्रों व अभिभावकों आदि के साथ-साथ यही समय की माँग भी थी।’
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